फिल्म ‘विरासत’, ’हसीना मान जाएगी’, ’जोड़ी नम्बर वन’ ‘तलाश’ आदि फिल्मों में नाम कमा चुकीं अभिनेत्री पूजा बत्रा ने फिल्मों के अलावा कई विज्ञापनों में भी काम किया है. आर्मी परिवार की पूजा ने साल 1993 में मिस इंडिया इंटरनेशनल बनने के बाद, विज्ञापनों में काम शुरू कर दिया और बाद में फिल्मों में आईं.
उनकी कुछ फिल्में उस समय बॉक्स ऑफिस पर हिट रहीं. कामयाबी की चोटी पर पहुंचकर उन्होंने अमेरिका के ओर्थोपेडिक सर्जन से साल 2002 में शादी की और वहीं सेटल हो गयीं. लेकिन उनका ये रिश्ता काफी दिनों तक नहीं चला और साल 2011 में उन्होंने डिवोर्स ले लिया.
बॉलीवुड फिल्मों के अलावा पूजा ने हॉलीवुड फिल्म और टीवी शो भी की है. उनके खुद की एक कंपनी भी है जिसके जरिये वह किसी समस्या से जुड़ी विषय पर डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाती हैं. पूजा अभी भी वैसी ही खुबसूरत और फिट दिखती हैं. फिल्मों के अलावा पूजा कई लोकोपकारी काम भी करती हैं इन दिनों वह अपनी साइको थ्रिलर फिल्म ‘मिरर गेम’ को लेकर काफी उत्साहित है. पेश है अंश.
इस फिल्म में काम करने की उत्सुकता कितनी थी? कठिन भाग कौन सी रही है?
मैंने पहले न तो ऐसी भूमिका और न ही ऐसी फिल्म की है. जो मेरे लिए उत्सुकता थी. इसमें मैंने एक पुलिस मनोवैज्ञानिक की भूमिका निभाई है. इस फिल्म में मैंने मुस्कराया तक नहीं है. इसमें संवाद बहुत हैं, जिसे करना थोडा मुश्किल था.
इंडस्ट्री में इतने सालों तक रहते हुए कितना बदलाव महसूस करती हैं?
काफी बदलाव आया है. फिल्म मेकर्स बदल रहे हैं, फलस्वरूप एक्टर्स भी बदल रहे हैं. दर्शक की चॉइस भी बदल रही है. स्क्रिप्ट्स आजकल बहुत जरुरी हो चुका है. पैसे भी आज खूब खर्च किये जाते हैं. उस समय क्लासिक फिल्में थी, कहानियां और परफॉर्मेंस वैसी होती थीं. ऐसी फिल्मों का बनना, जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी याद रखे, देखना चाहे अब कम हो चुकी है. फिल्म के हिट होने में परफॉर्मेंस, एक्टिंग, स्टोरी, रिलीज आदि सब शामिल होती है.
मिस इंडिया से अब तक का सफर कैसा रहा?
मेरी लाइफ की जर्नी काफी एक्साइटिंग रही है. मुझे मॉडलिंग के साथ-साथ अच्छी फिल्मों में काम करने का अवसर मिला. जीवन में कई उतार-चढ़ाव आये, पर मैं उसमें उलझी नहीं. मुझे काम अभी भी मिल रहा है. एक्टिंग मेरा ‘पैशन’ है. जब पहली बार इस फिल्म के निर्देशक विजित शर्मा मेरे पास इस फिल्म को लेकर आये तो मैं हैरान थी. मैंने कभी उनका नाम नहीं सुना था, लेकिन सबसे खुशी इस बात से हुई कि दर्शक मुझे देखना चाहते हैं.
नए निर्माता निर्देशक के साथ काम करने में आप किस बात का ध्यान रखती हैं?
स्क्रिप्ट, भूमिका और पैसा, ये देखती हूं, साथ में फिल्म रिलीज ठीक से हो, उसका भी खयाल रखती हूं.
आप बहुत अधिक सोशल वर्क करती हैं इस ओर आपका ध्यान कैसे गया?
मुझे लगता है कि अगर सोसाइटी आपको कुछ देती है तो आपको भी उनके लिए काम करना चाहिए. मुझे सबका प्यार मिला है. ऐसे में अगर मैं किसी भी माध्यम से कुछ कहूं, तो लोग सुनते हैं. इसमें सबसे अधिक काम पैसे की होती है. लोग पैसा निकालना नहीं चाहते. मैं अभी अमेरिका में रहती हूं, लेकिन इंडिया आती-जाती रहती हूं.
मैं अमेरिका की एक एनजीओ के साथ मिलकर गरीब बच्चों के लिए काम करती हूं. यहां मैंने देखा है कि यहां के लोग पर्यावरण पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते. यहां इतनी सूर्य की रोशनी है कि पूरी इंडिया सौर उर्जा पर जी सकती है. लेकिन अभी भी यहां पॉवर कट होते है, बिजली की कमी है. जितनी प्रतिभा यहां है, उसका सही प्रयोग किया जा सकता है,जो नहीं होता.
मैं एक आर्मी ऑफिसर की बेटी हूं और आर्मी बैकग्राउंड में बड़ी हुई हूं. ऐसे में इस बार इंडिया आकर जब मैंने भारतीय सेना के सिर काट दिए जाने, उनपर पत्थरों से वार करने जैसे समाचार पढ़ी, तो बहुत दुःख हुआ, लेकिन इसके आगे कुछ नहीं हुआ. केवल मीडिया में ही थोड़ी बहुत इस बारें में लिखा गया.
अमेरिका में ऐसा कभी नहीं हो सकता. यूनिफॉर्म पहने किसी भी व्यक्ति पर आप स्टोन नहीं फेंक सकते. सैनिक हमारे लिए काम करते है. उनके साथ ऐसा बर्ताव सही नहीं है. इसके अलावा प्लास्टिक न फेंकने पर भी लोगों में जागरूकता होनी चाहिए.
क्या जीवन में कोई मलाल रह गया है?
एक्शन, सुपर वुमन, एलियन, बायोपिक आदि सब तरह की फिल्में मैं करना चाहती हूं.
अबतक की फिल्मों में कौनसी फिल्म आपके दिल के करीब है और क्यों?
हसीना मान जाएगी, भाई, विरासत, कहीं प्यार न हो जाये, चंद्रलेखा आदि ऐसी फिल्में है जो हर समय देखि जा सकती है, उसकी कहानी, मेरी भूमिका सब अच्छी थी.
आप अभी भी एक दम फिट दिखती हैं, आपके फिटनेस का राज क्या है?
मैं अपनी फिटनेस को लेकर हमेशा जागरूक रहती हूं. खाने में ऑरगेनिक फूड अधिक लेती हूं. नियमित वर्कआउट करती हूं. हमेशा खुश रहना चाहती हूं.
आपके परिवार में अभी कौन है? भारत में डिवोर्स की बढ़ती संख्या की वजह क्या मानती हैं?
डिवोर्स के बाद मैंने शादी नहीं की, मेरा एक बॉयफ्रेंड है, जिसके साथ मैं रहती हूं. आजकल महिलाएं आत्मनिर्भर हो चुकी हैं, ऐसे में अगर उन्हें अपने पार्टनर से समस्या है, तो उन्हें छोड़ सकती हैं और ये सही भी है. शादी करने से अधिक उसे निभाना मुश्किल होता है. सामंजस्य की बात करें, तो वह एक हद तक ही हो सकता है.
यहां तक पहुंचने में किसका श्रेय मानती हैं?
मेरे माता-पिता का जिनके पास मैं हमेशा आती रहती हूं. वह मेरी स्ट्रेंथ हैं, हर परिस्थिति में उन्होंने मेरा साथ दिया. उन्होंने कभी ये महसूस नहीं करवाया कि मैं लड़की हूं और मेरे लिए पाबंदियां हैं.
तनाव को कैसे कम करती हैं?
रीडिंग, मां के साथ बात करना, मैडिटेशन आदि के साथ कम करती हूं.
एक्टिंग के अलावा और क्या करने की इच्छा रखती हैं? आगे क्या करने की इच्छा रखती हैं?
मेरी एक कंपनी अमेरिका में पिछले 9 साल से है, जो कास्टिंग और इवेंट करती है. अभी मैंने एक हॉलीवुड डॉक्युमेंट्री फिल्म अंग्रेजी में ‘सेव हर’ नाम से की है जो गर्ल ट्राफिकिंग पर है और फेस्टिवल में जा रही है.
गृहशोभा की महिलाओं को क्या संदेष देना चाहती हैं?
महिलाओं को मैं ये कहना चाहती हूं कि आपकी वजह से परिवार बनते हैं, बच्चे जन्म लेते हैं, भविष्य का निर्माण होता है, घर चलता है आदि सब होता है. आप कभी भी अपने आपको कम न समझें. आपकी अहमियत सबसे अधिक है.