काजोल हिंदी फिल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक रही हैं और हाल ही में उन्होने इंडस्ट्री में अपने 25 साल का सफर पूरा किया है. अपने इस लंबे फिल्मी करियर को लेकर काजोल कहती हैं कि भले ही लोग यह मानते हों कि आप किसी फिल्मी घराने से हैं तो आपके सामने थाली परोस कर आती है. मैं नहीं मानती, मुझे लगता है कि आपका टैलेंट ही आपको आगे तक लेकर जाता है.
काजोल भले ही फिल्मी बैकग्राउंड से आयी थीं लेकिन ऐसा नहीं था कि उन्हें सब कुछ आता था. वह कहती हैं कि मैंने जो कुछ भी सीखा है यहीं आकर सीखा है. मैं डांस, एक्टिंग इन सब चीजों की कोई ट्रेनिंग लेकर इंडस्ट्री में नहीं आयी थी. मैं तो झल्ली जैसी थी, बस आकर बैठ जाती थी. मैंने धीरे धीरे काम करते हुए सब सीखा है.
काजोल स्वीकारती हैं कि जिस वक्त उन्होंने शुरुआत की थी तब ऐसा नहीं था कि अगर आपकी पहली फिल्म कामयाब न रही हो तो आपको तुरंत इंडस्ट्री से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए. उस वक्त माफी की गुंजाईश थी और आपको दोबारा मौके मिलते थे. आप बिल्कुल आउट नहीं कर दिये जाते थे. बहुत से कलाकारों को दर्जन फिल्मों के फ्लाप होने के बाद भी मौके मिले. लेकिन अब तो मैं देखती हूं कि नये लोग अप-टू-डेट रहते हैं यहां कोई भी बिना तैयारी के नहीं आता क्योंकि वो जानते हैं कि अगर वह तैयारी से नहीं आयेंगे तो उन्हें दोबारा मौका नहीं मिलेगा. इसलिए वह पहली तैयारी में ही अपना बेस्ट देना चाहते हैं. पहली फिल्म के बाद ही न्यूकमर की स्क्रूटनी होने लगती है और हो भी क्यों न आखिर अब फिल्म मेकिंग का अंदाज भी बदल गया है.