मूलतः आईटी प्रोफेशनल विजित शर्मा पहली बार बतौर लेखक व निर्देशक रहस्य व रोमांच प्रधान मनोवैज्ञानिक फिल्म ‘‘मिरर गेमःअब खेल शुरू’’ लेकर आए हैं. मनोचिकित्सक प्रोफेसर के इर्द गिर्द घूमने वाली यह फिल्म प्रभावित नहीं करती. दर्शकों को दुविधा में डालने के प्रयास में रहस्यमय परिस्थितियों को पैदा करते हुए लेखक निर्देशक स्वयं कन्फ्यूज हो गए हैं.
फिल्म की कहानी के केंद्र में मनोचिकित्सक प्रोफेसर जय वर्मा (परवीन डबास) हैं. प्रोफेसर वर्मा के एक विद्यार्थी रणवीर भार्गव ने दो वर्ष पहले आत्महत्या कर ली थी, जिसके लिए प्रोफेसर जय वर्मा खुद को दोषी मानते हैं, इसलिए वह अपना ईलाज डा.सोनल से करवा रहे हैं. वह अपने प्रोफेसर के काम को भी सही ढंग से अंजाम नहीं दे पा रहे हैं. विश्वविद्यालय में उनकी पत्नी तान्या वर्मा (शान्ति अकिनेनी) का रोनी (ध्रुव बाली) के साथ रोमांस की चर्चाएं हैं. पर जय वर्मा को तान्या के प्रेमी का नाम नहीं पता. घर के अंदर पति पत्नी के बीच मधुर संबंध नहीं हैं. तान्या चाहती है कि जय वर्मा उसे तलाक दे दे, मगर जय वर्मा ऐसा नहीं करना चाहते. जय की सोच है कि जो उनकी नहीं हो सकती, वह दूसरे की कैसे हो जाए. इसलिए वह तान्या की हत्या करना चाहते हैं.
इस बीच रोनी उनके पास विद्यार्थी बनकर आता है और उनसे अपने शोधकार्य में मदद चाहता है. जय वर्मा को लगता है कि इसके माध्यम से वह अपना काम कर सकते हैं. जय वर्मा, रोनी की मदद इस शर्त पर करने के लिए तैयार होते हैं कि वह उनकी पत्नी की हत्या उनकी योजना के अनुसार कर दे. जय वर्मा की योजना है कि वह रोनी व तान्या दोनों को खत्म कर देंगे. उसके बाद शुरू होता है रहस्य का खेल.