दो माह पहले जब नवाजुद्दीन सिद्दिकी से हमारी लंबी बातचीत हुई थी, तब खुद की आलोचना सुनने के संदर्भ में नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने कहा था- ‘‘मैं अपनी आलोचना सुनना पसंद करता हूं, बशर्ते कि मेरी आलोचना करने वाला इंसान उस काबिल हो. जो इंसान किसी काबिल नहीं, वह इंसान किसी को भी गाली दे देता है. जब मेरी कोई आलोचना करता है, तो मैं उसकी शिक्षा के बारे में जानकारी हासिल करता हूं. वह मेरे जितना शिक्षित या मेरे जितना अनुभव रखता है या नहीं. यदि एक इंसान समझदार, जानकारी रखने वाला व अनुभवी है, तो वह मुझे दस गाली दे सकता है. मैं उसकी हर गाली को स्वीकार करुंगा, उस पर विचार करुंगा. उससे सीखूंगा, क्योंकि वह काबिल है. काबिल इंसान की बात सुननी चाहिए. जो नालायक हैं, घर पर बैठे रहते हैं, काम कुछ करते नहीं हैं, सिर्फ सोशल मीडिया पर शेखी बघारते रहते हैं, उनको मैं कोई तवज्जो नहीं देता. ट्वीटर पर बेवजह गाली देने वालों की कौन सुनता है? ’’

यदि हम उनकी इस बात पर यकीन करें, तो उनकी आत्मकथा रूपी किताब को लेकर जब उनकी आलोचना शुरू हुई, तो आलोचकों की काबीलियत को समझने में उन्हें एक सप्ताह का वक्त लग गया, क्योंकि अब उन्होने ट्वीट कर अपनी किताब को वापस लेने का ऐलान कर दिया है. इस तरह वह मान रहे है कि एक विवाद का अंत हो गया.

नवाजुद्दीन सिद्दिकी उस वक्त विवादों से घिरे जब एक सप्ताह पहले नवाजुद्दीन सिद्दिकी की आत्मकथा ‘‘एन आर्डीनरी लाइफ’’ के कुछ अंश एक अंग्रेजी अखबार में छपे. इसके बाद बौलीवुड और टीवी इंडस्ट्री में भूचाल सा आ गया. इस किताब में नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने अपनी प्रेमिकाओं का जिक्र करते हुए उनके साथ शारीरिक संबंधों से लेकर उनसे अलगाव के लिए उन्हीं अभिनेत्रियों को ही दोषी ठहराया है. इस किताब में उन्होंने अपनी कमजोरियों को स्वीकार करते हुए खुद को देहाती कामुक आदमी तक बताया है. नवाजुद्दीन ने अपनी किताब में अपने प्रेम संबंधों की चर्चा करते हुए लिखा है कि उनका लगाव प्रेमिकाओं के शरीर के प्रति ही था.

इस किताब के अंश छपने के बाद सबसे पहले ‘मिस लवली’ की उनकी सह कलाकार निहारिका सिंह ने नवाजुद्दीन सिद्दिकी पर कई गंभीर आरोप लगाए, पर नवाज चुप रहे. लगभग तीन दिन पहले अभिनेत्री सुनीता राजवार ने तो नवाज के खिलाफ ‘फेसबुक’ पर लंबा चौड़ा लेख लिख डाला. जिसके बाद फिल्म व टीवी इंडस्ट्री में लोग बंट गए. फेसबुक पोस्ट से जाहिर होता है कि टीवी इंडस्ट्री से जुडे़ कलाकार व निर्देशक तो पूरी तरह से सुनीता राजवार के साथ खड़े हुए हैं. इस पर भी नवाज चुप रहें, पर जब तीस अक्टूबर को दिल्ली के वकील गौतम गुलाटी ने ‘राष्ट्रीय महिला आयोग’’ के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुए नवाजुद्दीन सिद्दिकी के खिलाफ आई पी सी की धारा 376 यानी कि बलात्कार, धारा 497 यानी कि व्याभिचार और आईपीसी की धारा 509 यानी कि स्त्री की लज्जा का अनादर करना, के तहत एफआरआई दर्ज कराने की मांग की, तो नवाज के हाथ पांव फूल गए और उन्होंने ‘‘ट्वीटर’’ का सहारा लेते हुए 30 अक्टूबर को शाम पांच बजकर तिरपन मिनट पर ट्वीट किया,‘‘ आई एम अपोलोजाइंस टू एवरी वन, हूज सेटीमेंट्स आर हर्ट बिकाज आफ द चाउस एराउंड माई  मेमायर ‘एन आर्डिनरी लाइफ’..आई हिअर बाय रिग्रेट एंड डिसाइड टू विथ द माई बुक. ’’यानी कि ट्वीटर पर नवाज ने लिख है- ‘‘अगर मेरी जीवनी से किसी को दुःख हुआ है, तो मैं उन सभी से माफी मांगता हूं. मैने निर्णय लिया है कि मैं अपनी किताब वापस ले रहा हूं.’’

नवाज ने तो किताब वापस लेने का ऐलान कर दिया है, मगर अभी तक किताब के प्रकाशक की तरफ से कोई संदेश नही आया है. सवाल यह है कि यह किताब दो नवंबर को बाजार में आनी है, क्या प्रकाशक नवाज के ट्वीट का सम्मान करते हुए किताब को दो नवंबर को बाजार में नहीं लाएगा?

नवाज के इस ट्वीट के साथ ही बौलीवुड में यह चर्चाएं गर्म हो गयी हैं कि क्या नवाज ने वास्तव में अपनी किताब में सब कुछ झूठ लिखा है. बौलीवुड का एक तबका तो यह मान बैठा है कि नवाजुद्दीन की किसी भी बात पर यकीन नहीं किया जा सकता. उधर कुछ लोग इस सारे प्रकरण को एक सप्ताह तक चलने वाला नवाजुद्दीन की तरफ से सस्ती लोकप्रियता बटोरने वाले नाटक की संज्ञा दे रहे हैं.

अपनी इस जीवनी व उसके कुछ अंश को अखबार में छपवा कर विवादों से घिर कर नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने आखिर क्या हासिल किया? यह तो वही जाने, पर सोशल मीडिया पर जो कुछ नजर आ रहा है, उससे यही बात उभरकर आती है कि इस विवाद से नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने एक बेहतरीन अभिनेता के रूप में अपने कई प्रशंसक खो दिए.

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