इतिहास से सबक लेकर हर इंसान प्रगति की राह पर जा सकता है. इसी बात को लोगों तक पहुंचाने के लिए मशहूर फिल्मकार मणि रत्नम नौंवी सदी के चोल साम्राज्य की अंदरूनी राजनीतिक उठापटक पर फिल्म ‘‘पी एस -एक’’ लेकर आ रहे हैं. तीस सितंबर को हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम व कन्नड़ भाषा में अंग्रेजी सब टाइटल के साथ पूरे विश्व में प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘पीएस एक’ ऐतिहासिक सबूतों व कुछ कल्पना के साथ सत्तर वर्ष पहले कल्कि द्वारा लिखी गयी किताब ‘‘पोन्नियिन सेलवन’’ पर आधारित है. यह फिल्म अरुलमोझीवर्मन के शुरुआती दिनों की कहानी बताती है, जो बाद में महान चोल सम्राट राज राजा चोल प्रथम (947 सीई - 1014 सीई) बने थे. फिल्म की कहानी के केंद्र में नौवीं शताब्दी के चोल राजवंश और सिंहासन के लिए संघर्ष है.
फिल्म ‘‘पी एस -एक’’ के प्रमोशन के लिए हाल ही में मणि रत्नम अपनी इस फिल्म के सभी कलाकारों के साथ मीडिया के सामने मुखातिब हुए. उसी दौरान इतिहास से सबक सीखने की चर्चा करते हुए फिल्म में अदिथा करिकालन का किरदार निभा रहे अभिनेता चियान विक्रम ने कहा-‘‘हर इंसान की अपनी रूचि होती है. किसी को विज्ञान मंे, किसी को इतिहास में तो किसी को गणित या भूगोल में. लेकिन मेरी समझ से रोचक बात यह है कि हम बचपन में ‘चंदामामा’ या ‘अमर चित्रकथा’’के माध्यम से कहानियां पढ़ते व सुनते रहे हैं. इन किताबों मंे अतीत या राजाओं की कहानी ही लिखी गयी है. हमारा अतीत काफी समृद्ध रहा है. राजा राजा चोल ने अपने शासनकाल में पांच हजार डैम@बांध बनवाए थे. राजा राजा चोल ने अपने समय में ‘पानी मंत्रालय’ बनाया था. गांव के नेताओं यानी कि सरपंच के चुनाव करवाए थे. उन्होने शहरोें के नाम औरतों के नाम पर रखे थे. उनके शासन काल में तीन बड़े अस्पताल थे, जहां हर नागरिक का मुफ्त में इलाज होता था. वह अपनी जनता की मदद के लिए खैरात नही बांटता था, मगर कर्ज दिया करता था. यानी कि वह लोगों से पूरे सम्मान@डिग्निटी के साथ जिंदगी जीने की बात करता था. क्या हमें यह सब इतिहास से नहीं सोचना चाहिए. इतना ही नहीं हम अक्सर पिरामिड की बात करते हैं कि आखिर कइ वर्ष पहले पिरामिड किस तरह बनाए गए होंगे. मगर क्या हम जानते हंै कि भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जिन्हे हम सिर्फ मंदिर या पूजा गृह के रूप में देखते हैं.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
- 24 प्रिंट मैगजीन