5 साल की जानपहचान के बाद सैफ अली खान और करीना कपूर ने शादी कर ली. शादी से दोनों ही खुश हैं. फिल्म ‘टशन’ को सैफ यादगार मानते हैं क्योंकि भले ही फिल्म नहीं चली पर करीना उन के जीवन में आ गईं. करीना भी इस विवाह को काफी महत्त्व देती हैं. काम से अधिक वे अपने परिवार और सैफ का ध्यान रखती हैं.
हैड ऐंड शोल्डर की ब्रैंड ऐंबैसेडर करीना कपूर खान और सैफ अली खान ने एक मुलाकात के दौरान बताया कि कैसे वे दोनों अपनी शादीशुदा जिंदगी में तालमेल बैठा रहे हैं.
करीना, आप सैफ की किस बात से आकर्षित हुईं?
करीना: वे अच्छे कलाकार हैं. मैं जब पहली बार उन से मिली थी, तभी लगा था कि यही मेरा प्यार है. मुझे उन की हर बात अच्छी लगी थी. मैं उन मैजिक क्षणों का वर्णन नहीं कर सकती. मैं ने न तो अपने प्यार के लिए काम छोड़ा और न ही काम के लिए अपना प्यार.
सैफ, करीना बौलीवुड की नंबरवन हीरोइन हैं. ऐेसे में गर्लफ्रैंड, फिर पत्नी के रूप में वे कितनी कामयाब हैं?
सैफ: करीना गर्लफ्रैंड और पत्नी दोनों ही रूपों में बेहद कामयाब हैं. वे गर्लफ्रैंड के रूप में हों या पत्नी के रूप में, हमेशा तालमेल रखती हैं. वे मैच्योर भी हैं और बच्चों जैसा व्यवहार भी करती हैं, जो हमारे रिश्ते को मजबूती देने के साथसाथ नयापन भी देता है.
हम जब घर आते हैं, तो साथ रहना पसंद करते हैं. हर काम साथसाथ करते हैं. मैं वैसे तो बाहर पार्टी ऐंजौय नहीं करता पर कई बार प्रोफैशन के मद्देनजर जाना भी पड़ता है. इस से हमें स्पेस भी मिल जाता है.
आप दोनों एकदूसरे के साथ कैसे संतुलन रखते हैं?
करीना: एक कलाकार के रूप में सैफ ने मुझे हमेशा सम्मान दिया. टैलेंट वैल्यूज को हमेशा महत्त्व दिया. मेरे लंबे बाल उन्हें बहुत आकर्षित करते हैं तभी तो उन्होंने उन्हें कभी न कटाने को कहा है. चूंकि विवाह दोनों का हुआ है, इसलिए आपस में तालमेल बैठाने का फर्ज भी दोनों का बनता है.
सैफ: करीना बेहद समझदार हैं. वे मेरी हर बात को समझती हैं. वे इस रिश्ते को पर्याप्त समय देती हैं. जब भी मुझे उन की जरूरत पड़ती है, वे हमेशा साथ होती हैं. मेरी भी कोशिश रहती है कि मैं हमेशा उन का साथ दूं.
रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए क्या आवश्यक है?
करीना: परिवार और काम के बीच समय का तालमेल. कई लोग कहते हैं कि उन्हें पर्सनल लाइफ के लिए वक्त नहीं मिलता. मुझे यह कहना पसंद नहीं. हम दोनों एकदूसरे और परिवार के साथ रहें और फिल्में भी करें, तभी हमारी लाइफ सुखद हो सकती है, किसी भी रिश्ते को वक्त चाहिए होता है, कैरियर के मुकाम पर पहुंच कर लोग इस बात को भूल जाते हैं. पर मैं ने ऐसा नहीं किया. शर्मिलाजी ने भी शादी के बाद परिवार को पूरा महत्त्व दिया.
क्या आप दोनों एकदूसरे की परफौर्मैंस को ले कर कभी आलोचना करते हैं?
सैफ: हम अपनी पर्सनल और प्रोफैशनल लाइफ को अलग रखते हैं और यह ठीक भी होता है. हम एकदूसरे की फिल्में तक नहीं देखते. प्रोफैशनल फैसला हम खुद ही लेते हैं. लेकिन हम दोनों में आपसी समझौता यह होता है कि हम उतना ही काम करें जितना आराम से कर सकें ताकि हमारी परफौर्मेंस भी अच्छी रहे. हम आपस में कभी झगड़ते नहीं, बल्कि हैल्दी चर्चा करते हैं. मेरे हिसाब से पतिपत्नी आपस में एकदूसरे से हर बात शेयर करें तो ही रिश्ता अच्छा बना रहता है और यह कोशिश दोनों को करनी पड़ती है.
करीना: मैं एक बिंदास लड़की हूं. अपनी शर्तों पर जीती हूं. लेकिन किसी को मेरी किसी बात से दुख न पहुंचे, इस का खयाल हमेशा रखती हूं. मैं बौलीवुड पार्टियों में अधिक नहीं जाती. काम से समय मिलने पर परिवार के साथ वक्त बिताती हूं. शादी के बाद भी मेरे जीवन में अधिक बदलाव नहीं आया.
सैफ का परिवार मौडर्न विचार रखता है. सैफ के पिता क्रिकेटर थे, इसलिए अधिकतर चर्चा हम क्रिकेट से संबंधित विषयों पर ही करते हैं. बौलीवुड की बातें कम होती हैं.
आप दोनों को एकदूसरे की कौन सी बात पसंद नहीं?
करीना: सैफ नवाब हैं, बहुत सोते हैं. कई बार मैं कहीं जाने के लिए तैयार भी हो जाती हूं, मगर नवाब साहब सोए ही होते हैं.
सैफ: करीना की कोई बात ऐसी नहीं जो मुझे पसंद नहीं.