बॉलीवुड में हर शुक्रवार कलाकार की तकदीर बदलती है. यूं तो हमने इस फिल्म की समीक्षा में ‘नूर’ द्वारा बॉक्स ऑफिस पर लागत वसूल करने पर संषय व्यक्त किया था, लेकिन सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म ‘नूर’ की तो बॉक्स ऑफिस पर हमारी सोच से भी ज्यादा बुरे हालात हैं. हमने समीक्षा में लिखा था कि सोनाक्षी सिन्हा पत्रकार के किरदार में फिट नहीं बैठी. उनकी परफॉर्मेंस बहुत गड़बड़ है. और अब ‘नूर’ के प्रदर्शन के बाद बॉलीवुड में लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या वास्तव में सोनाक्षी सिन्हा में अभिनय के गुण नहीं हैं?
बॉलीवुड में जो चर्चाएं हो रही हैं, उसके ठोस वजहें हैं. सोनाक्षी सिन्हा पिछले तीन वर्षों से लगातार असफल फिल्में देती आ रही हैं. उनकी पिछली बुरी तरह असफल हुई फिल्म ‘‘अकीरा’’ ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर पांच करोड़ कमा लिए थे, मगर ‘नूर’ तो पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर महज एक करोड़ 54 लाख ही कमा सकी. दूसरे दिन यानी कि शनिवार व छुट्टी के दिन भी यह फिल्म महज एक करोड़ 89 लाख ही कमा सकी. सोनाक्षी सिन्हा को अपने अभिनय करियर को लेकर नए सिरे से सोचने की जरुरत है.
पूरे देश में 1450 स्क्रीन्स/सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई फिल्म ‘‘नूर’’ को दर्शक नहीं मिल रहे हैं. शुक्रवार की सुबह इस फिल्म को देखने के लिए पूरे देश में महज दस प्रतिशत दर्शक ही थिएटरों में मौजूद रहें. मुंबई व उससे सटे भायंदर उपनगर के कुछ सिनेमाघरों में सुबह के शो में ‘नूर’ देखने लिए महज पांच प्रतिशत दर्शक ही मौजूद रहे. तीसरे दिन रविवार को शाम तक जो खबरें मिली, उसके अनुसार रविवार की छुट्टी के बावजूद फिल्म की कमाई में गिरावट आ गयी.