बौलीवुड तारिका मल्लिका शेरावत हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं. पिछले दिनों कांस फिल्म फैस्टिवल के समापन समारोह में जब मल्लिका ने यह बयान दिया कि बौलीवुड में महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है, तो उन के इस बयान पर बौलीवुड में हंगामा मच गया.

पेश हैं, उन से हुई गुफ्तगू के कुछ अहम अंश:

अपने 12 साल की अभिनय यात्रा को किस तरह से देखती हैं?

मेरी इस यात्रा में काफी उतारचढ़ाव रहे. मुझे हैरानी है कि 12 साल के बाद भी मैं फिल्म इंडस्ट्री में टिकी हुई हूं, जबकि मैं देखती हूं कि कई कलाकार 1-2 साल बाद ही गायब हो जाते हैं. कुछ कलाकार तो महज एक फिल्म करने के बाद ही गायब हो जाते हैं. मगर मैं अपने प्रशंसकों के आशीर्वाद और सहयोग से यहां टिकी हुई हूं.

बौलीवुड से क्या सीखा?

पहले मैं फिल्म हिट होने पर बहुत खुश हो जाती थी, तो फ्लौप होने पर डिप्रैशन में चली जाती थी. फिर धीरेधीरे समझ में आया कि कलाकार के हाथ सिर्फ काम को ईमानदारी से अंजाम देना होता है. बौलीवुड में भाईभतीजावाद बहुत ज्यादा है. यह मुझे अच्छा नहीं लगता. बौलीवुड की प्रगति के लिए इस में बदलाव की जरूरत है. तभी अच्छी फिल्में बना सकेंगी. नए लेखक, निर्देशक और नए कलाकारों को काम देना बहुत जरूरी है.

आप ने 12 साल के अभिनय सफर में सब से कम फिल्में कीं, फिर भी सब से ज्यादा चर्चा में रहती हैं?

बिलकुल सही कहा आप ने. मगर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बौलीवुड में हमेशा कई ग्रुप सक्रिय रहते हैं. ऐसे में जब मुझे कोई अच्छी फिल्म मिल जाती है, तो सभी परेशान हो उठते हैं. बौलीवुड में मेरा कोई गौड फादर नहीं. मेरा कोई लोकप्रिय बौयफ्रैंड नहीं है. इन वजहों से मैं कई फिल्में खो बैठती हूं. चूंकि मैं तेजतर्रार हूं, बोल्ड हूं, इसलिए थोड़ाबहुत मैनेज कर लेती हूं.

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