आज ये कल्पना करना मुश्किल है कि आमिर-सलमान साथ आएं और कोई फिल्म फ्लौप हो जाए, मगर अंदाज अपना अपना फ्लौप फिल्मों में गिनी जाती थी.
हिंदी सिनेमा में ऐसी कई फिल्में आई हैं, जिन्हें देखते हुए आप आज भी बोर नहीं होते. इन फिल्मों को आप कल्ट कहते हैं या क्लासिक कहते हैं. मगर आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आज कल्ट-क्लासिक कही जाने वाली ये फिल्में बौक्स औफिस के हिसाब से फ्लौप रही थीं. आइए, जानते हैं ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में…
शान
सत्तर और अस्सी के दशक में अमिताभ बच्चन ने कई ऐसी फिल्मों में काम किया है, जिन्हें क्लासिक फिल्मों की लिस्ट में शामिल माना जाता है. इन्हीं में एक फिल्म है ‘शान’. ये फिल्म साल 1980 में रिलीज हुई थी.
इस मल्टीस्टारर में अमिताभ के साथ शत्रुघ्न सिन्हा और शशि कपूर ने लीड रोल्स निभाए थे, जबकि कुलभूषण खरबंदा ने बॉल्ड शाकाल का निगेटिव रोल निभाया था. एक हिट मसाला फिल्म के सारे तत्व होते हुए भी शान बौक्स औफिस पर नहीं चली थी.
जाने भी दो यारो
अस्सी के दशक में जब सिनेमा की दुनिया एक्शन फ़िल्मों के इर्द-गिर्द रहती थी, एक सेटायर फिल्म ‘जाने भी दो यारों’ आई. सिस्टम के करप्शन पर गहरी चोट करने वाली फिल्म में नसीरूद्दीन शाह, रवि वासवानी, पंकज कपूर, ओम पुरी और सतीश शाह ने मुख्य किरदार निभाए. आज ये कॉमेडी फिल्म भले ही आपको हंसा-हंसाकर लोट-पोट कर देती हो, मगर सिनेमाघरों में इसे दर्शक नहीं मिले थे. कुंदन शाह निर्देशित ‘जाने भी दो यारों’ की टाइमलेस कहानी और अदाकारी की वजह से फिल्म आज भी पसंद की जाती है
अंदाज अपना अपना
राजकुमार संतोषी की कॉमेडी फिल्म ‘अंदाज अपना अपना’ आज भी दर्शकों को गुदगुदाने में कामयाब रहती है. ये अकेली फिल्म है, जिसमें आमिर खान और सलमान खान साथ आए थे. आज ये कल्पना करना मुश्किल है कि आमिर-सलमान साथ आएं और फिल्म फ्लौप हो जाए, मगर ‘अंदाज अपना अपना’ फ्लौप फिल्म है. हालांकि आमिर-सलमान के बीच नोक-झोंक ने दर्शकों के दिल में जगह बना ली और जैसे-जैसे वक्त गुजरा, ‘अंदाज अपना अपना’ कल्ट बन गई.
अग्निपथ
विजय दीना नाथ चौहान… ‘अग्निपथ’ का ये किरदार अमिताभ बच्चन की यादगार भूमिकाओं में शामिल है. खासकर उनके बोलने का अंदाज. कहा गया कि बच्चन ने फिल्म द गॉडफादर के अभिनेता मार्लो ब्रेंडो को फॉलो किया था.
फिल्म क्रिटिकली और कमर्शियली फ्लौप रही थी, मगर जब बिग बी को इसके लिए नेशनल अवॉर्ड मिला, तो ‘अग्निपथ’ को लेकर राय बदल गई. मिथुन चक्रवर्ती को भी इस फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाज़ गया था. मजेदार पहलू ये है कि करण जौहर ने जब रितिक रोशन को लेकर इसे रीमेक किया, तो फिल्म इंस्टेंट हिट रही.
मेरा नाम जोकर
शो मैन राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ को आज हिंदी सिनेमा की क्लासिक फ़िल्मों में गिना जाता है, मगर सन् सत्तर में रिलीज़ हुई ये फिल्म इतनी बड़ी फ्लौप रही कि राज कपूर की माली हालत काफी खराब हो गई थी.
सर्कस के जोकर की जिंदगी को दर्शाती दार्शनिक मिजाज वाली इस फिल्म को बनाने में राज कपूर को 6 साल लगे थे. लगभग सवा चार घंटे की फिल्म का संगीत हिट रहा था. धर्मेंद्र, मनोज कुमार और राजेंद्र कुमार जैसे बड़े स्टार्र केमियो भी फिल्म को बचा नहीं सका. मगर, इसकी सिनेमेटिक वैल्यू की वजह से फिल्म कल्ट-क्लासिक मानी जाती है.