‘मुझे कुछ कहना है’ फिल्म से कैरियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता तुषार कपूर का फिल्मी कैरियर काफी उतार चढ़ाव के बीच में रहा. डेब्यू कलाकार के रूप में उन्हें सफलता तो मिली, पर बाद में उन्हें वह मुकाम नहीं मिला, जिसकी उन्हें चाहत थी, लेकिन वे मायूस नहीं होते और आगे आने वाले हर पल को जीना ही उचित समझते हैं.

नम्र और हंसमुख स्वभाव के तुषार कपूर बिना शादी किये एक बेटे लक्ष्य के पिता बन चुके है. सिंगल पैरेंट बनने के लिए उन्होंने आधुनिक तकनीक आईवीएफ और सरोगेसी का सहारा लिया है. हालांकि एक साल पूरे कर चुके बेटे लक्ष्य के बाद वे बहुत दुबले पतले लग रहे हैं, इसे वे बेटे की देख-रेख में अधिक ध्यान देने की वजह बताते हैं, लेकिन वे इस नई यात्रा का बहुत आनंद भी ले रहे हैं. हाल ही में उन्होंने शेयर किये पिता बनने के अपने अनुभव, पेश है अंश.

प्र. बिना मां के पिता बनने का अनुभव कैसा है?

ये मुश्किल अवश्य था, पर अब धीरे-धीरे यह आसान हो चुका है. मानसिक और शारीरिक रूप से ये एक अच्छा अनुभव है. जब भी समय मिलता है, बच्चे के साथ खेलना, उसके लिए कुछ करना आदि सब अच्छा लगता है.

प्र. पिता बनने की इच्छा कहां से पैदा हुई?

पिता बनने की इच्छा काफी दिनों से थी, निर्देशक प्रकाश झा से मैं तिरुपति में मिला था और हम दोनों एक ही कार से सफर कर रहे थे. ड्राइव करते-करते उन्होंने पूछा कि आप शादी कब करने वाले हो. मैंने कहा कि शादी की तो बात मैं नहीं जानता, लेकिन मैं बच्चे चाहता हूं. उन्होंने अपनी बात बताई कि वे सिंगल पैरेंट हैं और उन्होंने एक बच्चे को गोद लिया हुआ है. ये उन्होंने साल 1988-89 में लिया था और तब वही आप्शन था, लेकिन अब सरोगेसी का जमाना है. ऐसे में उसे अपनाने की सलाह दी. वे ही मुझे एक सिंगल मां के पास ले गए, जो सरोगेसी करती है और मेरे उम्र की है. मुंबई में हम मिले और डाक्टर से मिलकर सारी प्रक्रिया पूरी की और लक्ष्य को पाया.

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