बतौर बाल कलाकार फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाली उर्मिला मातोंडकर अपनी खूबसूरती से लोगों के दिलों पर राज करती हैं.
उर्मिला मातोंडकर का जन्म 4 फरवरी 1974 को मुंबई में हुआ था. उन्होंने बाल कलाकार के रूप में मराठी फिल्म ‘जाकोल’ (1980) से फिल्मी दुनिया में कदम रखा. बतौर बाल कलाकार उनकी पहली हिंदी फिल्म ‘कलयुग’ (1981) थीं. उन्हें फिल्म ‘मासूम’ से पहचान मिली.
बतौर अभिनत्री उर्मिला की पहली बॉलीवुड फिल्म ‘नरसिम्हा’ (1991) थी. इस फिल्म ने अच्छा प्रदर्शन किया और उनके काम को नोटिस किया जाने लगा. ‘चमत्कार’ में उन्होंने शाहरुख के साथ किया जिसने औसत प्रदर्शन किया.
उर्मिला राम गोपाल वर्मा की पंसदीदा अभिनेत्री रही हैं. दोनों के प्रेम संबंधों ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं, लेकिन उनका प्यार आखिरी मंजिल, यानी शादी तक नहीं पहुंच सका और दोनों के रिश्तों में दरार आ गई.
राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘रंगीला’ की सफलता ने उन्हें रातोंरात मशहूर कर दिया. इस फिल्म में उर्मिला मातोंडकर ने मशहूर अभिनेत्री बनने का सपना पूरी करने वाली युवती का किरदार निभाया. फिल्म में उर्मिला की शोख, चंचल अदाओं को सबने खूब पसंद किया.
फिल्म ‘जुदाई’ में श्रीदेवी जैसी अदाकारा को उर्मिला मातोंडकर ने बखूबी टक्कर दी. राम गोपाल वर्मा की ‘सत्या’ में अपने संजीदा अभिनय से उन्होंने एक अलग ही छाप छोड़ी. फिल्म ‘चाइना गेट’ का आइटम सांग ‘छम्मा-छम्मा’ ने उर्मिला को ‘छम्मा-छम्मा गर्ल’ के रूप में लोकप्रिय कर दिया.
फिल्म ‘भूत’ के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर क्रिटिक्स अवार्ड जीता. अमृता प्रीतम के उपन्यास पर आधारित फिल्म ‘पिंजर’ में उन्होंने गंभीर साहसी महिला का किरदार निभा कर फिर से अपने गहरे अभिनय की छाप छोड़ी तो ‘प्यार तूने क्या किया’ में प्यार में किसी भी हद तक गुजर जाने वाली युवती का किरदार निभाया. उन्हें इस फिल्म में निभाए गए नकारात्मक किरदार में भी पसंद किया गया. ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’ में भी उनके काम की सबने तारीफ की. इस फिल्म को समीक्षकों ने खूब सराहा.