फिल्म ‘कहानी-2: दुर्गा रानी सिंह’ की सफलता से उत्साहित विद्या बालन महिलाप्रधान किरदारों को निभाने में माहिर होती जा रही हैं. महिला सशक्तीकरण के मुद्दे व अभिनय में नृत्य, संगीत के प्रशिक्षण के असर पर जानिए उन की बेबाक राय.

मूलतया दक्षिण भारतीय विद्या बालन को कोलकाता के लोग बंगाली समझते हैं क्योंकि वह बहुत अच्छी हिंदी बोलती हैं. उनसे बात करते समय इस बात का एहसास ही नहीं होता कि वे हिंदी भाषी नहीं हैं. सुजोय घोष निर्देशित फिल्म ‘कहानी 2 : दुर्गारानी सिंह’ में उन्हें सराहा गया है. उन्हें एक सफल फिल्म की आवश्यकता थी जो ‘कहानी 2 : दुर्गारानी सिंह’ ने पूरी कर दी.

विद्या बालन की एक खासीयत यह भी है कि उन्होंने संगीत का प्रशिक्षण ले रखा है, हालांकि अभी तक उन्होंने दूसरी बौलीवुड अभिनेत्रियों की तरह किसी भी फिल्म में गीत नहीं गाया है. हाल ही में जब विद्या बालन से मुलाकात हुई, तो उन से बंगाल, संगीत व महिलाओं के हालात पर विशेष बातचीत की.

आप को पश्चिम बंगाल खासकर कोलकाता के लोग बंगाली समझते हैं?

मैं मूलतया दक्षिण भारतीय हूं, लेकिन कोलकाता के लोग मुझे बंगाली समझते हैं. यह महज संयोग है कि मैं ने 4 फिल्मों की शूटिंग कोलकाता में की और उन में से 3 फिल्मों में मैं ने बंगाली किरदार निभाया. मैं ने 2003 में एक बंगला फिल्म ‘भालो ठेको’ में भी अभिनय किया था. अब तक मैं ने बंगला भाषा काफी सीख ली है. मैं बंगला गीत व संगीत की भी दीवानी हूं. कोलकाता में शूटिंग करना मेरे लिए हमेशा सुखद अनुभव रहता है. वहां हमेशा मुझे गरमजोशी का एहसास मिलता है. वहां के लोग कला और कलाकार की कद्र करना जानते हैं. शायद इसलिए मेरी पहचान से बंगाल जुड़ गया है.

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