अभिनेत्री विद्या बालन ने बताए स्ट्रौंग रिलेशनशिप के राज…
फि ल्म ‘परिणीता,’ ‘लगे रहो मुन्ना भाई,’ ‘द डर्टी पिक्चर,’ ‘कहानी’ आदि कई फिल्मों से अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकीं अभिनेत्री विद्या बालन स्वभाव से हंसमुख, विनम्र और स्पष्टभाषी हैं. ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ फिल्म के कैरियर का टर्निंग पौइंट था. उस के बाद से उन्हें पीछे मुड़ कर नहीं देखना पड़ा. उन्होंने बेहतरीन परफौर्मैंस के लिए कई अवार्ड जीते. 2014 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. विद्या बालन आज भी निर्मातानिर्देशकों की पहली पसंद हैं.
अपनी कामयाबी से विद्या खुश हैं और मानती हैं कि एक अच्छी स्टोरी ही एक सफल फिल्म दे सकती है. विद्या तमिल, मलयालम, हिंदी और अंगरेजी अच्छी तरह से बोल लेती हैं. विद्या ने हर तरह की फिल्में की हैं और वे हर किरदार से प्रभावित होती हैं, लेकिन उन्हें ऐक्शन पसंद नहीं. उन्हें कौमेडी और ड्रामा वाली फिल्में करने में मजा आता है.
मां ने दी सही सोच
विद्या के कामयाब जीवन में उन की मां का बहुत बड़ा योगदान है. वे कहती हैं, ‘‘मां ने मु झे खुद के बारे में सोचना सिखाया. 2007-08 में जब मेरी मेरे ड्रैस और वजन को ले कर काफी आलोचना की जा रही थी तो मैं ने अभिनय छोड़ने का मन बना लिया था पर तब मां ने मु झे सम झाया था कि मेहनत करने पर वजन घट जाएगा. किसी के कहने पर मैं हार नहीं मान सकती और मैं ने उन की बात मानी और आज यहां पर पहुंची हूं.’’ विद्या की फिल्म ‘दो और दो प्यार’ रिलीज हो चुकी है, जिस में उन के काम को दर्शक सराह रहे हैं.
चरित्र पर दिया ध्यान
खूबसूरत और सौफ्ट लुक की धनी होने के बावजूद आप ने बहुत सारी फिल्मों में एक स्ट्रौंग लड़की की भूमिका निभाई है, फिर चाहे शेरनी हो या कहानी आप का लुक बहुत सिंपल होता है, इस की वजह? यह पूछने पर विद्या कहती हैं, ‘‘मु झे ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ क्योंकि जब भी कोई औफर हुआ तो लगा कि इस पहलू पर मैं ने कभी कोई डिस्कवर, एक कलाकार के रूप में नहीं किया. जब मैं किसी चरित्र को करने जाती हूं तो मैं खुद के बारे में भी डिस्कवर करती हूं कि यह भूमिका तो मैं ने कभी नहीं निभाई जैसे फिल्म ‘जलसा’ में. हर एक कहानी में नया पहलू खोजने का मौका मिलता है. ऐसा कभी नहीं लगा कि निर्देशक ने मु झे सही मौका नहीं दिया. मैं ने अपनी ब्यूटी के साथ सजधज कर कोई फिल्म नहीं की है. उम्मीद है आगे कोई ऐसी फिल्म अवश्य कर लूंगी.’’
मारधाड़ पसंद नहीं
विद्या कहती हैं, ‘‘मैं ने 10 साल बाद फिर से रोमांटिक फिल्म की है. मु झे यह जोनर काफी समय बाद मिला है. आजकल रोमांटिक और लव स्टोरी वाली फिल्में बहुत कम बन रही हैं. लव स्टोरी अब नहीं बन रही है. आज के सारे कंटैंट से मैं बहुत फैडअप हो चुकी हूं. दर्शक के रूप में भी मैं ऐसी फिल्में नहीं देखना चाहती. आज की फिल्मों में मारधाड़, ऐक्शन, गोली चलना, इंटैंस सींस आदि सब हैं. ये सारी फिल्में मु झे पसंद नहीं. उसी दौरान मु झे यह फिल्म मिली, जिस में हंसनाहंसाना, रोमांटिक कौमेडी आदि है, जिसे मु झे करना पसंद आया.
‘‘इस फिल्म में ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के साथसाथ लवर्स भी एकदूसरे को धोखा दे रहे हैं और मैं ने ऐसा कभी पहले नहीं सुना था. बहुत ही अलग कहानी है. हालांकि ऐसी कहानी देखने में बहुत फनी लगती है, लेकिन जिस के जीवन में होता है, उस के लिए यह अच्छी बात नहीं होती. लोग ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर करते हैं, लेकिन देखा जाए तो बाहर के रिश्ते से जो रिश्ता आप के पास होता है, वही सब से अच्छा रिश्ता होता है.’’
खूबसूरत रिश्ता पतिपत्नी का
विद्या बताती हैं, ‘‘मेरा अनुभव है कि पतिपत्नी के लिए एकदूसरे के साथ लगातार समय बिताना बहुत जरूरी होता है, एकदूसरे के जीवन में क्या चल रहा हैं उस की चर्चा आवश्यक होती है. भले ही आप साथसाथ खाना खाते हैं, मूवी देखते हैं या लौंग ड्राइव पर जाते हैं आदि करते रहते हैं पर अधिक से अधिक समय एकदूसरे के साथ बिताना जरूरी होता है और अपनी भावनाओं को सहीसही एकदूसरे से शेयर करना भी आवश्यक होता है.
‘‘मैं हमेशा ऐसा करती हूं क्योंकि मैं किसी बात को ढक कर नहीं रख सकती. जो मेरे मन में होता है उसे उसी रूप में कह देती हूं. मेरे पति सिद्धार्थ रौय कपूर भी इस में मेरा पूरा साथ देते हैं और मु झे पूरा समय देते हैं. इस से कपल्स को नई चीजों को ट्राई करने का मौका मिलता है.
‘‘अगर कोई किसी रिश्ते को टिकाना चाहता है तो उसे बनाए रखने के लिए काउंसलर की मदद लें, उस पर कुछ वर्क करें, लेकिन अगर आप उस रिश्ते से बाहर आना चाहते हैं तो अपना समय नष्ट न करें क्योंकि आप को दूसरा प्यार मिल सकता है और आप को खुश रहने का एक अच्छा मौका भी मिल सकता है.’’
यूथ है कन्फ्यूज्ड
आज की जैनरेशन किसी भी रिलेशनशिप को अलग नजरिए से देखती है, जिसे विद्या कन्फ्यूजिंग मानती है. वे कहती हैं, ‘‘मैं इस दौर में सिंगल नहीं हूं. जैसे आज के यूथ किसी सामान को औनलाइन और्डर कर मांगने पर ठीक न होने पर वापस कर देने में विश्वास रखते हैं वैसा ही वे किसी रिश्ते के साथ भी करते हैं. अगर ठीक नहीं है तो वापस कर कुछ नया ट्राई करना पसंद करते हैं. नई जैनरेशन के लिए बहुत कन्फ्यूजिंग समय है.’’
महिलाओं को हो आजादी
विद्या कहती हैं, ‘‘एक चीज जो मैं भी यहां कहने से परहेज नहीं करती, मैगजीन के हर कवर पर महिलाओं का सैक्सी फोटो लगा दिया जाता है, जिसे पुरुष मजे से देखते हैं. किसी पुरुष का भी सैक्सी फोटो लगाने से वे क्यों कतराते हैं, मु झे पता नहीं. महिलाओं को भी अपनी आंखें सेंकने के लिए कुछ ऐसी चीजें होनी चाहिए. मु झे रणवीर सिंह का सैक्सी कवर बहुत अच्छा लगा था, जिस पर मैं ने कमैंट्स भी किए थे. केवल महिलाओं को आब्जैक्टिफाई न कर पुरुषों को भी आब्जैक्टिफाई करने की जरूरत है.’’
विद्या ‘भूलभुलैया 3’ में फिर से मंजूलिका की भूमिका निभा रही हैं, उन की यह अलग तरीके की भूमिका है, जिसे ले कर वे काफी खुश हैं और उम्मीद है कि दर्शक इसे जरूर पसंद करेंगे.