वैज्ञानिक उन्नति के साथ ही सिनेमा में भी नई नई तकनीक का इजाद होता रहता है. कोविड की आपदा के दौरान जब फिल्मों की शूटिंग बंद हो गई और कई तरह की समस्याएं सामने नजर आने लगी.  तब फिल्म निर्देशक विक्रम भट्ट ने विचार करना शुरू किया कि ऐसी कौन सी तकनीक अपनाई जाए.  जिससे फिल्मों की शूटिंग कम समय में भव्य स्तर पर और कम खर्च में की जा सके. तब उन्हें वर्चुअल प्रोडक्शन तकनीक का ज्ञान मिला. उसके बाद विक्रम भट्ट ने के सेरा सेरा संग हाथ मिलाया और अब मंुबई में गोराई. बोरीवली में के सेरा सेरा और विक्रम भट्ट का स्टूडियो वर्चुअल वर्ल्ड बनकर तैयार है. जो कि भारत का पहला और सबसे बड़ा एलईडी वर्चुअल प्रोडक्शन स्टूडियो है. इस स्टूडियो में वर्चुअल कंटेंट का प्रोडक्शन जोरों पर शुरू हो गया है. विक्रम भट्ट ने इस वर्ष वर्चुअल प्रोडक्शन के तहत बनी पांच फिल्में प्रदर्शित करने की योजना पर काम कर रहा है.

‘वर्चुअल प्रोडक्शन तकनीक’ का उपयोग कर विक्रम भट्ट ने भारत की पहली वर्चुअल फिल्म ‘‘जुदा होके भी‘‘ का निर्माण कर लिया है.  जिसमें उन्हें के सेरा सेरा के सतीश का सहयोग मिला है. फिल्म ‘‘जुदा होके भी‘‘ की कहानी 20 साल पहले विक्रम भट्ट द्वारा निर्देशित सफलतम फिल्म ‘‘राज‘‘ के आगे की कहानी है.  इस फिल्म का लेखन महेश भट्ट ने किया है.  जबकि निर्देशन विक्रम भट्ट का है.  इसमें नायक की भूमिका अक्षय ओबराय ने निभाई है.  फिल्म ‘‘ जुदा होके भी‘‘ 15 जुलाई को सिनेमाघरों में पहुंचेगी.  इसका मोशन पोस्टर 30 मई को लांच किया गया.

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