‘भाग मिल्खा भाग’ जैसी कथाप्रधान फिल्में बनाने वाले निर्देशक, प्रोड्यूसर राकेश ओमप्रकाश मेहरा का मानना है कि कोई भी फिल्मी हीरो जन्म से सितारा नहीं होता. हम लोग मतलब राइटर, निर्देशक, कैमरामैन ही एक अभिनेता को बौलीवुड का चमकता हुआ सितारा बनाते हैं. फिल्मों में एक अभिनेता से कैसी ऐक्टिंग करवानी है यह निर्देशक तय करता है. यानी फिल्मों में निर्देशक सीधा माध्यम होता है, जबकि एक अभिनेता के लिए उस के अभिनय की कसौटी थिएटर होता है. एक सफल फिल्म बनाने में निर्देशक के साथसाथ लेखक भी महत्त्वपूर्ण होता है. एक फिल्म के लिए अभिनेता महत्त्वपूर्ण जरूर होता है, लेकिन वह एक फिल्म को जन्म नहीं दे सकता. वह फिल्म की मां नहीं होता.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
सब्सक्रिप्शन के साथ पाएं
700 से ज्यादा ऑडियो स्टोरीज
6000 से ज्यादा दिलचस्प कहानियां
‘गृहशोभा’ मैगजीन के सभी नए आर्टिकल
5000 से ज्यादा लाइफस्टाइल टिप्स
2000 से ज्यादा ब्यूटी टिप्स
2000 से भी ज्यादा टेस्टी फूड रेसिपी
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...
गृहशोभा से और