‘‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’’ से बॉलीवुड में कदम रखने वाली अदाकारा हुमा कुरैशी इन दिनों अपने करियर की पहली अंतरराष्ट्रीय फिल्म ‘‘पार्टिशन: 1947’’ को लेकर उत्साहित हैं. गुरिंदर चड्ढा निर्देशित भारत पाक बंटवारे की त्रासदी के बीच एक प्रेम कहानी वाली इस फिल्म में एक मुस्लिम लड़की का किरदार निभाने के बाद हुमा कुरैशी की सोच में काफी बदलाव आ गया है.
अब उन्हें यह सवाल परेशान करने लगा है कि हम इतिहास से सबक क्यों नहीं लेते हैं. हमसे खास बातचीत करते हुए हुमा कुरैशी ने कहा, ‘‘यह घटना सत्तर वर्ष पहले घटी थी. मगर इतिहास के इस कटु व दुःखद अध्याय से हमने कोई सबक नहीं सीखा. कुछ वर्ष के अंतराल में हम वही गल्तियां बार बार दोहराते रहते हैं. मुझे लगता है कि यह कहानी बार बार सभी को बतायी जानी चाहिए. जिससे लोगों को एहसास हो कि लोगों को विभाजित करने या किसी समुदाय विशेष को अपराधी करार देने से कुछ हासिल नहीं होता. इससे सिर्फ हिंसा होती है, खून की नदियां ही बहती हैं. घृणा की राजनीति के साथ लोगों को विभाजित करने की मेंटालिटी व सोच से डर लगता है.’’