फिल्म कुली तो याद होगी ना आपको, अमिताभ बच्चन की यह फिल्म 1983 में रिलीज हुई थी. शानदार कहानी और एक्टिंग के लिए आज भी ना चाहते हुए इस फिल्म की याद आ ही जाती है. लेकिन इसके याद आने की सिर्फ एक ही नही बल्कि एक वजह और भी है, जो इसे हमारे जहन से जाने नहीं देती. वह एक्शन सीन, जिसमें अमिताभ बच्चन घायल हुए थे. उनकी पेट की अंतड़ियां फट गई थीं. अस्पताल में महीनों तक इलाज चला था. लेकिन इस बारे में किसी को पहले ही आशंका हो गई थी. यहां तक कि बच्चन साहब के एक्सिडेंट होने का उन्हें सपना भी आया था. उसी के दो दिन बाद फिल्म सेट पर वह दुर्घटना हुई थी.
किस्सा बेंगलुरू के यूनिवर्सिटी कैंपस का है, जहां उन दिनों वहां फिल्म शूटिंग हो रही थी. अमिताभ एक दिन काम निपटाने के बाद होटल लौटे खाना खाया और सो गए. अचानक आधी रात को फोन घनघनाया उन्होंने फोन उठाया, तो कौल औपरेटर से पता लगा कि मुंबई से कोई है, और लाइन पर स्मिता पाटिल हैं. पहले उन्हें लगा कोई मजाक कर रहा है तो उन्होंने कौल नहीं ली हालांकि, बाद में सोच में पड़ गए, कहीं सच में तो स्मिता ने कौल नहीं की. इसके बाद फिर दोबारा फोन आया, अमित जी ने इस बार कौल उठा लिया, इधर से स्मिता ने उनसे पूछा कि सब ठीक है न, वह आगे बोलीं कि मैंने सपना देखा, जिसमें आपका एक्सिडेंट हो गया था.
अमिताभ ने उस वक्त तो कह दिया कि सब ठीक है उन्हें कुछ नहीं हुआ. लेकिन स्मिता का वह सपना कुछ बुरा होने की आहट दे रहा था. दो दिना बाद वही हुआ, जिसकी उन्हें आशंका थी. ‘कुली’ के सेट पर पुनीत इस्सर के साथ फाइट सीन शूट हो रहा था, उसी में उन्हें जोरदार घूंसा लगा और वह चोटिल हो गए, जिसका इलाज महीनों तक चला था.
क्या हुआ था सीन में
कुली के यह ऐतिहासिक फाइट सीन माना जाता है. बच्चन साहब और पुनीत इस्सर इसमें आमने सामने थे. दोनों को एक मौके पर आकर लड़ना और एक दूसरे को घूंसे मारना होते हैं. पुनीत फिर उनके सिर पर बोर्ड पटकते हैं और पेट में घूंसा जड़ते हैं. सीन रियलिस्टिक लगे इसलिए अमित जी ने उनसे कहा था कि पेट को सीन फिल्माए जाने के दौरान छूना पड़ेगा. रिहर्सल के बाद जब फाइनल टेक हुआ तो वह घूंसा उनके छूने के बजाय जोर से लगा तब अमिताभ को हल्का दर्द हुआ. लेकिन रात में पता लगा कि दिक्कत ज्यादा है, दूसरे दिन अस्पताल ले जाया गया तब यह पाया गया कि उनकी पेट की अंतड़ियां फट गई थीं.