‘हाय…आई एम नागेश कुकुनूर…नाम तो सुना ही होगा?’ जी नहीं, इसकी कोई गैरंटी नहीं कि आपने नागेश कुकुनूर का नाम सुना ही होगा. हैरतअंगेज बात तो है पर यह हकीकत है. नागेश कोई राहुल तो नहीं, जिनका नाम आपने सुना होगा, और आप अंदर ही अंदर वैसा बनना चाह रहे होंगे या राहुल जैसा कोई प्रेमी ढूंढ रहे होंगे. खैर… नागेश के बारे में ये कहना गलत नहीं होगा, कि वे कोई खास(क्योंकि अधिकतर लोगों के लिए खास वहीं हैं, जो पर्दे पर दिखते हैं) न होकर भी बहुत खास हैं.
आज अचानक नागेश के बारे में बात करने की वजह है. वैसे भी बिना वजह बातें की नहीं की जाती. अब कोई तथाकथित सुपरस्टार छींक भी दे तो खबर बन जाती है, पर कुछ ऐसे पर्दे के पीछे के सुपरस्टार हैं जिन्हें दो-तीन मौकों पर ही खास तौर से याद किया जाता है. पहला, अगर उन्होंने कोई अवार्ड जीता हो, दूसरा अगर उनका जन्मदिन हो और तीसरा अगर वे कुछ सरफिरों का शिकार हुए हों. पर नागेश को किसी धर्म और संस्कृति को बचाने वाली झुंड का शिकार नहीं होना पड़ा है और आज नागेश का जन्मदिन है.
नागेश कुकुनूर नायडु या नागेश कुकुनूर पैरेलल सिनेमा में अपने काम के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने हैद्राबाद ब्लूज(1998), रॉकफॉर्ड(1999), इकबाल(2005), डोर(2006), आशायें(2010), लक्ष्मी(2014), धनक(2016) जैसी फिल्में बनाईं हैं. अब शायद आपको याद आ गया होगा कि नागेश कौन हैं, क्योंकि आपने उनकी कई फिल्में देखी हैं.
नागेश आज एक विशेष दर्शक वर्ग के बीच लोकप्रिय निर्माता-निर्देशक हैं. नाच-गाने वाली बॉलीवुड की फिल्मों से उनकी फिल्में काफी अलग हैं. शायद इसलिए लैला-शिला को पसंद करने वाले इनकी फिल्मों तक नहीं पहुंच पाते. पर नागेश उन विषयों पर बात करते हैं, जो हमारे समाज का हिस्सा हैं. ‘धनक’ के छोटू और परी भारत में लगभग हर घर में पाए जाते हैं. भाई-बहन का प्यार तो हर घर में दिखता ही है. पर अंधे भाई की आंखें बनी बहन को इतने अच्छे से चित्रित करना… यह सिर्फ नागेश का ही कमाल हो सकता है.
जानिए नागेश से जुड़ी कुछ खास बातें-
1. केमिकल इंजीनियरिंग
नागेश ने केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. फिल्मी दुनिया में आने से पहले वे अमेरिका में एक इंवायरन्मेंटल कन्सलटेंट के रूप में काम करते थे. अपने इंजीनियरिंग करियर से कमाए पैसों से ही उन्होंने अपनी फिल्म हैद्राबाद ब्लूज बनाई थी. इस फिल्म को सिर्फ 17 दिनों में शूट किया गया था. यह बहुत ही कम बजट की फिल्म थी. इस फिल्म की स्क्रिप्ट को उन्होंने अमेरिका के भारतीयों से प्रेरित होकर लिखा था.
2. बचपन से ही था फिल्मों से लगाव
नागेश को बचपन से ही फिल्में देखना का शौक था. वे अकसर तेलुगु, हिन्दी, अंग्रेजी फिल्में देखते थे. शायद उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें आगे जाकर क्या करना है.
3. असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर किया काम
नागेश ने कुछ दिनों के लिए असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में भी काम किया था. नागेश कुकुनूर ने ‘वीर हनुमान’ के सेट पर बतौर सह-निर्देश काम किया था. गौरतलब है कि उन्हें कुछ दिनों में ही पता चल गया था कि वे इस काम के लिए नहीं बने हैं.
4. कमर्शियल फिल्मों में भी आजमाई किस्मत
नागेश ने आर्ट फिल्मों में अलग तरह का कन्टेंट डालकर बेहतरीन फिल्में बनाई हैं. पर उन्होंने कमर्शियल फिल्मों में भी काम किया है. ‘तस्वीर 8X10’ उनकी कमर्शियल फिल्म है, जिसमें अक्षय कुमार ने अभिनय किया था. गौरतलब है कि इस फिल्म ने उतनी शौहरत नहीं कमाई.
5. एसआईसी(SIC) बैनर तले बनाते हैं फिल्में
कुकुनूर एसआईसी के बैनर तले फिल्में बनाते हैं. पर बहुत कम ही लोग एसआईसी का असल मतलब जानते हैं. आमतौर पर प्रोडक्शन हाउस के मालिक अपने या अपनों के नाम तले फिल्में बनाते हैं, पर कुकुनूर की SIC का फुल फॉर्म है Stability is Curse. यह अपनेआप में ही बहुत कुछ कह देता है. जिन्दगी में कभी भी किसी को रुकना नहीं चाहिए, आगे बढ़ते रहना चाहिए.
6. अपनी फिल्मों में करते हैं अभिनय
नागेश अपनी फिल्मों में अभिनय भी करते हैं. ये रोल सिर्फ अभिनय का शौक पूरा करने के लिए नहीं किए गए हैं, बल्कि ये रोल फिल्म पर एक अलग छाप छोड़ती दिखाई देती है. जैसे- रॉकफॉर्ड में उन्होंने एक शिक्षक का रोल अदा किया था, वहीं लक्ष्मी में उन्होंने एक दलाल का किरदार निभाया था.
7. बहुत ही कम दिनों में पूरी करते हैं फिल्में
ये नागेश की ही खासियत है कि वे बहुत ही कम दिनों में ही बेहतरीन फिल्म शूट कर लेते हैं. उन्होंने धनक को चाइल्ड आर्टिस्ट्स के साथ सिर्फ 33 दिनों में ही पूरा कर लिया था.
8. जब पार्टी में पसंद कर ली अपने फिल्म की प्रोटेगोनिस्ट
नागेश की फिल्म लक्ष्मी में मोनाली ठाकुर ने बॉलीवुड में डिब्यु किया. एक इंटरव्यू के दौरान कुकुनूर ने बताया था कि उन्होंने एक पार्टी के दौरान मोनाली को देखा था और उन्हें मोनाली के चेहरे पर लक्ष्मी दिखाई दी.
गौरतलब है कि मोनाली ने 14 वर्ष की एक लड़की का किरदार निभाया था जिसे जबरन वेश्यावृत्ति में धकेल दिया जाता है.
समाज की हकीकत दिखाने वाली फिल्में बनाने के लिए हम नागेश के शुक्रगुजार हैं. समाज की हकीकत को इतने सरल तरीके से पेश करना आसान नहीं है. नागेश कुकुनूर को हमारी पूरी टीम की तरफ से जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं.