बौलीवुड में 70-80 के दशक में जंपिंग जैक के नाम से प्रसिद्ध एक्टर जितेंद्र अपनी जबरदस्त एक्टिंग की वजह से जाने जाते रहे हैं. वैसे तो जितेंद्र का असल नाम रवि कपूर था. लेकिन बौलीवुड में आने के बाद उन्होंने अपना नाम जितेंद्र रख लिया था.

जितेंद्र को बौलीवुड में लाने का श्रेय डायरेक्टर वी शांताराम को जाता है. वी शांताराम ने 1964 में फिल्म 'गीत गाया पत्थरों ने' बनाया था. इस फिल्म में बतौर लीड एक्टर उन्होंने जितेंद्र को साइन किया था. जितेंद्र जब इस फिल्म का औडिशन देने जा रहे थे तो बौलीवुड सुपरस्टार राजेश खन्ना ने उनकी काफी मदद की थी.

राजेश खन्ना की वजह से जितेंद्र फिल्म के लिए चुन लिए गए, फिल्म हिट रही. लेकिन 1967 में रिलीज हुई फर्ज फिल्म से जितेंद्र रातोंरात स्टार बन गए. इसके बाद जितेंद्र के पास कई और फिल्मों के औफर आए. इसके वी शांताराम ने 1967 में रिलीज हुई फिल्म ‘बूंद जो बन गए मोती’ के लिए जितेंद्र को साइन किया.

इस फिल्म में जितेंद्र के साथ वी शांताराम ने अपनी बेटी राज श्री को लीड एक्ट्रेस के रूप में लेने का फैसला किया. राजश्री के अलावा इस फिल्म में मुमताज भी सहायक एक्ट्रेस के रूप में काम कर रही थी. लेकिन अचानक फिर कुछ ऐसा हुआ कि राज श्री इस फिल्म को नहीं कर पाईं. वी शांताराम ने उस समय मुमताज को लीड एक्ट्रेस के तौर पर काम करने के लिए कहा.

जब इस बात की जानकारी जितेंद्र को हुई तो उन्होंने फिल्म में काम करने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि भला कोई साइड एक्ट्रेस लीड रोल में कैसे काम कर सकती है. वी शांताराम को बहुत समझाने के बाज जितेंद्र इस फिल्म को करने के लिए तैयार हुए. फिल्म हिट हुई और मुमताज की एक्टिंग की लोगों ने तारीफ भी की. हालांकि इसके बाद लगभग पन्द्रह फिल्मों में इन दोनों की जोड़ी साथ नजर आई.

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