Priyanka Chopra : ग्लोबल आइकन प्रियंका चोपड़ा बीते दिनों भारत अपने पति और बेटी के साथ आई हुई थी, लेकिन अब घर लौट चुकी हैं और फिर से काम कर रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार 41 साल की दीवा की प्रोडक्शन कंपनी पर्पल पेबल पिक्चर्स और बैरी एवरिच के मेलबार एंटरटेनमेंट ग्रुप की फीचर डौक्यूमेंट्री फिल्म ‘बौर्न हंग्री’ की प्रोडक्शन टीम में शामिल हो गई हैं. यह प्राइम वीडियो और आईट्यून्स पर एक साथ उपलब्ध होगी.

इन दोनों कंपनियों ने मिलकर शक्तिशाली डौक्यूमेंट्री फिल्म ‘बौर्न हंगरी’ का निर्माण किया है. इसकी कहानी सेलिब्रिटी शेफ सैश सिम्पसन के जीवन पर आधारित है, जिसमें उनकी अविश्वसनीय यात्रा को दर्शाया गया है, जो भारत में एक बच्चे के रूप में छोड़े जाने से लेकर कनाडा में एक प्रसिद्ध शेफ बनने तक की कहानी है.

इस डौक्यूमेंट्री के बारें में प्रियंका चोपड़ा ने कहा है कि इस कहानी ने उन्हे तुरंत मोहित कर लिया, क्योंकि यह एक भूलेभटके लड़के की व्यक्तित्व को प्रदर्शित करने, उनकी यात्रा और अपने परिवार और खुद को खोजने के उनके गहन जुनून को भी दर्शाने का एक शानदार अवसर उन्हे इस कहानी के जरिए मिला है.

बैरी एवरिच द्वारा निर्देशित और निर्मित, बौर्न हंगरी, एक भारतीय लड़के सिम्पसन की दिल दहला देने वाली कहानी को दर्शाती है, जो भारत की विशाल रेलवे प्रणाली में घूमते हुए घर से बेहद दूर चला जाता है और चेन्नई की सड़कों पर कूड़े के डिब्बे से खाना खाकर जीवित रहता हैं. इसके बाद आठ साल की उम्र में उन्हें कनाडा के समाजसेवी संड्रा और लौयड सिम्पसन द्वारा गोद लिया जाता है, जो बाद में एक नामचीन शेफ बन जाते है. इस डॉक्यूमेंट्री में सिम्पसन की भावनात्मक यात्रा का बारीकी से वर्णन किया गया है. कनाडा से जब सिम्पसन भारत लौटते हैं और अपनी बिखरी हुई यादों के साथ वे भारत में अपने मूल परिवार को खोजने के लिए एक भावनात्मक यात्रा पर निकलते है.

फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर 2024 के पाम स्प्रिंग्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुआ और इसे टोरंटो के हौट डौक्स फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाया गया. फिल्म निर्माताओं के अनुसार, बौर्न हंग्री एक सच्ची और महत्वपूर्ण कहानी है जिसमें एक विशाल दिल है, जो अपनी पहचान और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ी हुई है.

सैश सिम्पसन की कहानी फिल्म की आत्मा है, मौन्ट्रियल और टोरंटो के बीच 31 भाई-बहनों के साथ वे बड़े हुए. 14 साल की उम्र में, उन्हें खाने के प्रति अपने जुनून का पता चला. अंत में जानी मानी नौर्थ 44 रेस्तरां में कार्यकारी शेफ बन गए. आज वह टोरंटो के समरहिल पड़ोस में अपना खुद का रेस्तरां- सैश रेस्तरां चलाते हैं. ये फिल्म सिर्फ़ खाने की कहानी नहीं है, बल्कि धैर्य, परिवर्तन, और एक बच्चे की असाधारण यात्रा की कहानी है जिसने विपरीत परिस्थितियों का सामना किया.

ट्रिबेका फिल्म्स के साथ बौर्न हंगरी के जुड़ाव से प्रियंका चोपड़ा बेहद रोमांचित हैं. शक्तिशाली स्वतंत्र कहानियों को वैश्विक दर्शकों तक पहुँचाने के लिए उनका समर्पण इस फिल्म के दिल और आत्मा के साथ पूरी तरह से मेल खाता है.

आपको बता दें प्रियंका चोपड़ा जोनास अपने प्रोडक्शन हाउस के जरिए हर नई और अलग कहानियों को चाहे देश हो या विदेश सभी को आगे बढ़ाने और सांस्कृतिक सीमाओं से परे विविध आवाज़ों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयत्नशील है.

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