रेटिंग:  तीन स्टार
निर्माता: ड्रीम वारियर पिक्चर्स
लेखक व निर्देशकः नेल्सन वेंकटेशन
कलाकार: ऐष्वर्या राजेश, सेल्वाराघवन, ऐष्वर्या दत्ता, जीतेन रमेश, अनुमोल, शक्ति,किट्टू व अन्य
भाषा: तमिल,हिंदी व तेलुगू
अवधि: दो घंटे 20 मिनट

एक कट्टर और रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार की बहू जब परिवार की आर्थिक हालात के चलते मजबूर होकर एक ‘फ्रेंडषिप चैट’ के काल सेंटर में नौकरी करना षुरू करती है,तो उसे किन समस्याओं से गुजरना पड़ता है और किस तरह वह विजेता बनकर उभरती है,उसी की रोमांचक कहानी है-फिल्म ‘‘फरहाना’’,जिसे चेन्नई निवासी और ‘माॅन्स्टर’ व ‘ओरू नाल कुठू’ जैसी तमिल फिल्मों के सर्जक नेल्सन वेंकटेशन लेकर आए हैं.फिल्म की नायिका ऐष्वर्या राजेश की 2023 में महज पांचवें माह की शुरूआत में प्रदर्शित होने वाली चौथी फिल्म है.

कहानीः
चेन्नई में एक मुस्लिम अजीज भाई (किट्टू) की जूते चप्पल की दुकान है,वह अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव से गुजर रहे हैं.पर धर्म के विरीत जाकर कुद नही कर सकते.इसी कारण वह कर्ज लेने के भी खिलाफ हैं.फिर भी उन्होेने अपनी तीनों बेटियों की षादी कर डाली.उनकी फरहाना व फातिमा सहित तीनों अपने पति व बच्चों के साथ उन्ही के साथ उसी घर में रहते हैं.षिक्षित फरहाना (ऐश्वर्या राजेश) का करीम (जीतन रमेश) अनपढ़ है और फरहाना के पिता अजीज भाई की ही जूते चप्पल की दुकान में काम करते हैं.करीम प्रगतिशील विचारों वाला व्यक्ति है.वह अपनी पत्नी पर भरोसा करने और उसका समर्थन करने में पूरी तरह से विश्वास करता है. फरहाना एक मेट्टी (पैर की अंगुली की अंगूठी) पहने हुए दिखाई देती है, स्थान और स्थिति के बावजूद दिन में पांच बार नमाज पढ़ती है.लेकिन अपनी बेटी की फीस भरने के पैसे न होने पर फरहाना अपने पिता अजीज भाई के विरोध के बावजूद काॅल सेंटर में नौकरी करने लगती है. पहले वह एचएसडीसी बैंक के क्रेडिट काॅल सेंटर में नौकरी करती हैं,पर बेटी के इलाज के लिए जल्दी ज्यादा धन कमाने के लिए वह ‘फे्रंडषिप चैट’ वाले काल संेटर में अपना तबादला करवा लेती है. जहां पर उसे यौन प्रेरित पुरुषों से बात करने की आवश्यकता होती है.फरहाना मजबूरी में यह नौकरी कर रही है.उसे लगता है कि इससे उसका अल्लाह नाराज हो जाएगा.वह अपना तबादला पुनः पुराने विभाग मंे करवाना चाहती है,पर एक कॉलर के कहने पर रूक जाती है.यह काॅलर,फरहाना को अपने दृष्टिकोण से आकर्षित करता है.क्योकि वह किसी भी तरह का कुछ भी यौन नहीं चाहता है,लेकिन किसी के साथ अपने विचार साझा करना चाहता है. रूढ़िवादी महिला फरहाना जिसके पास अपने विचार साझा करने के लिए कभी कोई नहीं था, उसे बातचीत ताजा लगती है और वह उसे अन्य भद्दे पुरुषों से बचाते हुए लंबे समय तक बात करती है.परिणामतः वह कुछ ज्यादा ही धन कमाने लगती है.पर यही काॅलर बाद में उसके व उसके परिवार के लिए नुकसान दायक बन जाता है.वह शख्स फरहाना के पूरे परिवार को बरबाद करने की धमकी देता है.इंटरवल के बाद फरहाना और उस अज्ञात काॅलर यानी कि धायलन (सेल्वाराघवन ) के बीच चूहे बिल्ली का खेल षुरू हो जाता है.पर फरहाना विजेता बनकर उभरती है.

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