रेटिंगः डेढ़ स्टार स्टार
निर्माताः टीसीरीज
निर्देशकः अनीस बजमी
कलाकारः कार्तिक आर्यन, कियारा अडवाणी, तब्बू, मिलिंद गुणाजी, राजपाल यादव, संजय मिश्रा, अश्विनी कलसेकर,
अवधिः दो घंटे 24 मिनट
2007 में अक्षय कुमार और विद्या बालन के अभिनय से सजी फिल्म ‘‘भूल भुलैय्या’’ ने बाक्स आफिस पर सफलता दर्ज करायी थी. अब 15 वर्ष बाद उसी का सिक्वल हॉरर कॉमेडी फिल्म ‘‘भूल भुलैय्या 2’’लेकर अनीस बज़मी आए हैं, जिसमें कार्तिक आर्यन व किआरा अडवाणी के साथ महत्वपूर्ण किरदार में तब्बू हैं. फिल्म की कहानी के अनुसार 18 वर्ष बाद मंजूलिका का भूत पुनः कमरे से बाहर आ गया है. बहरहाल, यह फिल्म अंध विश्वास को फैलाने काम करने वाली निराशाजनक फिल्म है. फिल्मकार ने यह सोचकर इस फिल्म को बनाया है कि सभी दर्शक अपना दिमाग घर पर रखकर आएंगे और वह जो कुछ भी बेसिर पैर का परोसंेगेे उसे हजम कर जाएंगे.
कहानीः
फिल्म की कहानी बर्फ से ढंके पर्यटन स्थल पर रूहान रंधावा (कार्तिक आर्यन ) और रीत(किआरा अडवाणी ) के आकस्मिक मिलन से शुरू होती है. रूहान, रीत को बताता है कि वह दिल्ली के एक बिजेस टाइकून का बेटा है, जो दून स्कूल में शिक्षित है, जो बिना नौकरी के गुजरात में पतंग उड़ाने के लिए उड़ान भरता है और बनारस में पान खाता है. जबकि रीत एक राजस्थानी लड़की है, जिसके पिता कड़क स्वभाव के हैं. वह चार साल की डाक्टरी की पढ़ाई पूरी कर चुकी है और अब अपने पारंपरिक परिवार के खिलाफ विद्रोह करती है. रीत का साथ पाने के लिए रूहान उसे वहां के एक संगीत कार्यक्रम में ले जाता है. वह दोनों जिस बस को छोड देते हैं, वह बस आगे जाकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है और सभी यात्री मारे जाते हैं. रीत के परिवार के लोगो को पता चल जाता है कि रीत की मौत हो गयी. सच बताने के लिए जब रीत अपने घर पर फोन करती है, तो वह अपनी बहन व अपने मंगेतर सागर की बातें सुनकर समझ जाती है कि यह दोेनो एक दूसरे से प्रेम करते हैं और शादी करना चाहते हैं. तब रीत सच बताने का इरादा बदल देती है. वह चाहती है कि सागर से उसकी बहन की शादी हो जाए. अब रीत अपनी मदद के लिए रूहान को अपने साथ लेकर अपने गांव पहुंचती है और दोनों अपनी उस पुश्ैतनी हवेली मंे जाकर छिप जाते हैं, जिसे भूतिया हवेली कहा जाता है. जिसके अंदर के एक कमरे में मंजूलिका(तब्बू) का भूत कैद है. मगर चैधरी को छोटे पंडित से हवेली में ेलाइट जलने की खबर मिलती है. पूरा परिवार वहंा आता है , जहां रूहान मिलता है. रीत छिप चुकी होती है. रूहान ख्ुाद को मृत आत्माओं से बात करने वाला बताकर मृत रीत की आत्मा की ख्ुाशी के नाम पर रीत के घर वालांे से कई काम करवाने लगता है. पूरे गांव में उसकी धाक बन जाती है. और बड़े पंडित की दुकानदारी बंद हो जाती है. इसलिए वह साजिश रचते हैं. रीत खुद को छिपाने के लिए मंजूलिका के कमरे के अंदर चली जाती है. मंजूलिका कमरे से बहार निकलती है. अंत में पता चलता है कि काला जादू करने वाली मंजूलिका ने अपनी बहन अंजूलिका के पति को पाने के लिए अंजूलिका को मार दिया था और ख्ुाद अंजूलिका(तब्बू ) बनकर मृत अंजूलिका के भूत को मंजूलिका बताकर तांत्रिक(गोविंद नामदेव ) की मदद से कमरे में बंद करा दिया था.
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