रेटिंगः आधा स्टार
निर्माताः यू वी क्रिएशंस और टीसीरीज
लेखक व निर्देशकः राधा कृष्णा कुमार
कलाकारः प्रभास, मुरली शर्मा, सचिन खेड़ेकर, भाग्यश्री, पूजा हेगड़े जगापति बाबू, सत्यराज व अन्य.
अवधिः दो घंटा बाइस मिनट
फिल्मकार राधा कृष्णा कुमार की 11 मार्च को हिंदी के अलावा तेलगू व तमिल भाषा में सिनेमाघरों में पहुॅची फिल्म ‘राधे श्याम ’’ देखकर समझ में आ जाता है कि पिछले कुछ समय से जो हो हल्ला मचाया जा रहा था कि ‘बौलीवुड खत्म हो गया’ और दक्षिण का सिनेमा बौलीवुड पर कब्जा कर रहा है. . ’’ उसकी हवा निकल चुकी है. यह हो हल्ला भी महज जुमला ही साबित हुआ. ‘राधे श्याम’से यह बात साबित हो गयी कि बौलीवुड पर दक्षिण के सिनेमा का कब्जा नही हो सकता. इससे पहले ‘साहो’, ‘मास्टर’, ‘खिलाड़ी’का हिंदी वर्जन, ‘वालीमाई’ का हिंदी वर्जन बुरी तरह से असफल हुए हैं. इसी के चलते ‘विमलाबाई’ का हिंदी वर्जन आने से पहले ही बंद कर दिया गया. अब ‘‘राधे श्याम’’ का हिंदी वर्जन देखकर लोग दक्षिण सिनेमा को हिंदी में लेकर नही आएंगे.
कहानीः
फिल्म की कहानी सत्तर के दशक की है. मशहूर हस्तरेखा ज्योतिषी विक्रमादित्य उर्फ आदित्य( प्रभास), प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी का हाथ देखकर आपातकाल की भविष्य वाणी करते हैं. इसके बाद उन्हे भारत छोड़कर विदेश यानी कि रोम में जाकर बसना पड़ता है. रोम ही नही पूरे यूरोप में उनके हस्तज्योतिष के चमत्कारों की खूब चर्चा हो रही है. विक्रमादित्य एक पोलीटीशियन का हाथ देखकर भविष्य वाणी करते है कि वह सफल राजनेता नही सफल उद्योगपति बनने वाले हैं. यहां तक कि वह जिस तारीख की बात करते हैं, वह भी सच साबित होता है. वह ट्ेन के एक्सीडेंट और उसके यात्रियों की मौत की भविष्यवाणी करते हैं. यानी कि उनकी हर भविष्यवाणी सच साबित होती है. फिर नाटकीय अंदाज में वह एक अस्पताल में डॉ प्रेरणा(पूजा हेगड़े) से टकराते हैं और उनसे उन्हे प्यार हो जाता है. हस्तरेखाविद् विक्रमादित्य उर्फ आदित्य (प्रभास) भाग्य में यकीन करते हैं, जबकि डॉक्टर प्रेरणा (पूजा हेगड़े) की अलग मान्यता है. डॉ. प्रेरणा विज्ञान और तर्क के नियमों में यकीन करती हैं. लेकिन उनका प्यार सभी तर्कों को धता बताता है.