रेटिंगः ढाई स्टार
निर्माताः डिंपल खरबंदा, भूषण कुमार, किशन कुमार व नरेन कुमार लेखक व निर्देशकः सुभाष कपूर
कलाकारः रिचा चड्डा, सौरभ शुक्ला, मानव कौल, बोलाराम, अक्षय ओबेरॉय, शुभ्राज्योति व अन्य.
अवधिः दो घंटे 4 मिनट
‘दबंगो के लिए सत्त घमंड है’’इस मूल कथनक के साथ जातिगत भेदभाव के साथ भ्रष्ट राजनीति पर आधारित फिल्म‘‘मैडम चीफ मिनिस्टर’’ लेकर आए हैं फिल्मकार सुभाष कपूर. जो कि राजनीति, विश्वास, धोखा, प्रतिशोध, लॉयल्टी, सत्ता की ताकत, सत्ता की भूख, सत्ता को हथियाने की साजिशों से परिपूर्ण है.
कहानीः
फिल्म की कहानी शुरू होती है 1982 में उत्तर प्रदेश से. दलित जाति के रूपराम एक बारात के साथ बैंड बाजें के साथ ठाकुर की हवेली के सामने से निकलते हैं, दलित युवक दूल्हा बना हुआ घोड़ी पर बैठा हुआ है. यह बात ठाकुर को पसंद नही आती, विवाद बढ़ता है और ठाकुर गुस्से में रूपराम को गोली मार देते हैं. इधर रूपराम की मौत होती है, उधर घर में रूप राम चैथी बेटी को जन्म देती है. रूपराम की मॉं इस लड़की को मनहूस बताती है. बाद में कहानी शुरू होती है, जब तारा(रिचा चड्डा ) बाइक पर कालेज के पुस्तकालय पहुंचती है, जहां वह सहायक पुस्तकालय के रूप में कार्यरत हैं. तारा का कालेज के लड़के इंद्रमणि त्रिपाठी( अक्षय ओबेराय ) संग अफेयर है. एक बार वह गर्भपात करवा चुकी है और अब जब इंद्रमणि त्रिपाठी कालेज में चुनाव लड़ रहा है और उसकी तमन्ना एक दिन विधायक और फिर मुख्यमंत्री बनने की है. पर तारा दूसरी बार गर्भवती हो जाती है. इंद्रमणि साफ साफ कह देते हैं कि वह उससे शादी कभी नहीं करेगा, पर प्यार करता रहेगा. तब तारा धमकी देती है कि वह सच बताकर कालेज का चुनाव जीतने नही देगी. अब इंद्रमणि अपने साथियों को आदेश देता है कि तारा का गर्र्भपात करा दिया जाए या उसे मौत दे दी जाए. ऐन वक्त पर ‘परिवर्तन पार्टी’के अध्यक्ष मास्टर सूरज (सौरभ शुक्ला ) अपने साथियों संग वहां से गुजरते हुए घायल तारा को बचाकर अपने घर ले आते हैं, जहां तारा की मरहम पट्टी करवाते हैं. उसके बाद तारा, मास्टर जी के साथ ही रहने लगती है. यहां पर पता चलता है कि तारा, रूपराम की चैथी बेटी है, जो कि अपनी दादी के तानों से उबरकर घर से भागकर शहर आकर पढ़ी और नौकरी की तथा इंद्रमणि त्रिपाठी के संपर्क में आ गयी थी. पर जिस तरह से इंद्रमणि ने उसका शोषण किया और उसे मरवाने का प्रयत्न किया, उसके चलते अब तारा का मकसद हर हाल में इंद्रमणि त्रिपाठी से बदला लेना है.
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