सना मकबूल बिग बौस 3 की विनर हैं. उन्होंने अपने स्टाइल और एटीट्यूड से फैंस के दिलों में जगह बनाई. कम समय में सना ने कैरियर की लंबी छलांग लगाई है, मगर आगे का रास्ता आसान नहीं है.

हाल ही में हुए बिग बौस ओटीटी 3 से विनर बन कर निकलीं सना मकबूल शुरुआत से ही अपनी जीत को ले कर पूरी तरह कौन्फिडैंट थीं. हौट एंड सैक्सी सना ने शो में एक से बढ़ कर एक आउटफिट पहने. उन्होंने अपने क्यूट डिंपल लुक से सभी को घायल कर दिया था. अब जबकि वे शो जीत गई हैं तो लोग उन के बारे में जानना चाहते हैं.

प्रिटी सना मकबूल खान का जन्म 13 जून, 1993 को महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ. वे मिडिल क्लास फैमिली से आती हैं. उन के पिता बिजनैसमैन हैं और मां हाउसवाइफ. सना का बचपन मुंबई में बीता, जहां उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की. स्कूल के दिनों में सना को ऐक्ंिटग और डांस का शौक था.

स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद सना ने कालेज में एडमिशन लिया. उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से बैचलर औफ मास मीडिया की पढ़ाई की. कालेज की पढ़ाई के दौरान ही सना ने मौडलिंग की दुनिया में कदम रख लिया था.

आप को यह जान कर हैरानी होगी कि सना मकबूल उन का असली नाम नहीं है. पहले उन का नाम सना खान था, बाद में उन्होंने अपना नाम बदल कर सना मकबूल खान कर लिया. तब से दुनिया उन को इसी नाम से जानती है.

कैरियर में छलांग

सना ने अपने कैरियर की शुरुआत मौडलिंग से की. पहले विज्ञापनों के जरिए उन्होंने अपनी छाप दर्शकों पर छोड़ी और फिर उन्होंने टीवी शोज में एंट्री ली. सब से पहले उन्हें साल 2009 में एमटीवी के ‘स्कूटी टीन डीवा’ में काम करने का मौका मिला. फिर वे म्यूजिकल सीरीज ‘ईशान : सपनों को आवाज दे’ में नजर आईं. सना ने मिस इंडिया में भी हिस्सा लिया था. वहां उन्होंने साल 2012 में ‘फेमिना मिस ब्यूटीफुल स्माइल’ का ताज अपने नाम किया था.

सना कई टीवी सीरियल्स में भी काम कर चुकी हैं. उन्होंने ‘इस प्यार को क्या नाम दूं’, ‘अर्जुन’, ‘विष’, ‘आदत से मजबूर’, खतरा’, ‘बौस क्रिकेट

लीग 1’ एंड 2 और ‘कितनी मोहब्बत है 2’ में भी काम किया है. सना मकबूल खान को इंडस्ट्री में फेम ‘कितनी मोहब्बत है’ से मिला. इस सीरियल में उन्होंने लवण्या का रोल निभाया था. इस के बाद उन्होंने रोहित शेट्टी के शो ‘खतरों के खिलाड़ी’ सीजन 11 में कंटैस्टैंट के तौर पर भाग लिया और सभी को कड़ी टक्कर दी.

वे कुछ म्यूजिक वीडियोज में भी नजर आई हैं जिन में ‘खेलेगी क्या’, ‘एक तू ही तो है’, ‘पागल’, ‘गैलन’ शामिल हैं. सना कुछ फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं. उन्होंने 2014 में तेलुगू फिल्म ‘डिक्कुलू चूडाकु रामय्या’ और 2017 में तमिल फिल्म ‘रंगून’ से साउथ इंडियन फिल्म में काम किया है.

इस के अलावा वे तमिल फिल्म ‘कधल कंडीशंस अफवाई’ और तेलुगू फिल्म ‘मामा ओ चंदामामा’ में भी नजर आईं.

डिप्रैशन का भी किया है सामना

बिग बौस के दौरान सना ने बताया कि एक कुत्ते ने उन के होंठ वाले हिस्से को बुरी तरह से काट लिया था, जिस के बाद उन्हें 120 टांके आए और साथ ही, उन्हें एक सर्जरी भी करवानी पड़ी. इस सर्जरी से उभरने में उन्हें महीना लग गया. उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना से वे करीब 9 महीने तक डिप्रैशन में रही थीं.

यह घटना 2020 में घटी थी. जब वे डौग को प्यार करते हुए किस करने जा रही थीं, तभी डौग ने उन्हें काट लिया. एक ऐक्ट्रैस के रूप में यह बहुत बड़ी घटना थी. उन का पूरा फेस बिगड़ गया. इसे ?ोल पाना उन के लिए बिलकुल भी आसान नहीं रहा होगा.

सना के साथ हुई इस घटना ने एक सीख तो दे ही है कि जानवर कब हमला कर दे, यह किसी को नहीं पता. इसलिए इन के ज्यादा नजदीक जाना सही नहीं है.

पर्सनल लाइफ की चर्चाएं

कई बार सना को एक मिस्ट्रीमैन के साथ देखा गया. आखिरकार ‘बिग बौस’ जीतने के बाद सना के इस मिस्ट्रीमैन का पता चल गया. यह मिस्ट्रीमैन और कोई नहीं बल्कि बडीलोन के संस्थापक श्रीकांत बुरेड्डी हैं. बडीलोन, एक पर्सनल लोन देने वाली कंपनी है और सना मकबूल इस की ब्रैंड एंबेसडर हैं. श्रीकांत कई और कंपनियों के भी संस्थापक हैं.

बिग बौस के बाद कैरियर

इतना तो तय है कि बिग बौस जीतने के बाद दीवा सना के पास फिल्ममेकर्स और म्यूजिक डायरैक्टर्स के औफर की लाइन लग गई होगी लेकिन यह इंडस्ट्री ऐसी है जहां हर 6 महीने में 6 नए नैशलन क्रश बनते हैं,

जहां नैपोटिज्म का बोलबाला है, जहां कम्युनल घटना को देख कर तनाव बन जाता है. सो, वहां सना कितना कामयाब हो पाती हैं, कितना सिक्का चलता है उन का, यह आगे पता चलेगा.

जहां ऐक्ट्रैस का कैरियर 15-17 साल का होता है, वहां 31 साल की हो चुकीं सना कितना कैरियर बना पाती हैं, यह भी देखने वाली बात होगी. बिग बौस में जीते विनर्स का कैरियर उतना सफल नहीं रहा जितना कि बिग बौस जीतने के बाद उन के फैंस ने किया था. कहीं सना का भी यही हाल न हो. खैर, यह तो वक्त ही बताएगा कि उन का कैरियर कितना सफल रहेगा. हम तो यही कहेंगे कि वे बैठेबिठाए किसी पचड़े में न पड़ें.

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