जब इंसान अपने अंदर की खूबी या यॅूं कहें कि अपने अंदर की क्षमता का उपयोग गलत मंशा से करना शुरू करता है,तो वह कालीदास की तरह उसी डाली को काटने लगता है,जिस पर वह खुद बैठा होता है.कम से कम फिल्म ‘डंकी’ के साथ जो कुछ हुआ,उसे देखते हुए यह बात शाहरुख खान पर एकदम सटीक बैठती है.
शाहरुख खान एक अच्छे कलाकार ही नही बल्कि एक बेहतरीन व्यावसायी भी हैं.अपनी इसी व्यावसायिक बुद्धि का उपयोग कर शाहरुख खान ने ‘पठान’ और ‘जवान’ को पांच सौ करोड़ कमाने वाली फिल्मों में शामिल कर दिया.जबकि सिनेमाघर खाली थे.मगर तीसरी बार फिल्म ‘डंकी’ को रिकार्ड तोड़ सफलता वाली फिल्म साबित कराने में वह मात खा गए.इसकी मूल वजह उनका अहम और अपने व्यावसायिक फायदे के लिए दूसरे को तबाह करने की नीति उन्हे ले डूबी.शाहरुख खान ने अपनी फिल्म ‘‘डंकी’’ को सफलतम फिल्म साबित करने के सारे हथकंडे अपना लिए. फिर भी ‘डंकी’ बाक्स आफिस पर कारनामा नही कर सकी. शाहरुख खान की फिल्म ‘‘डंकी’’ 21 दिसंबर,गुरूवार को प्रदर्शित हुई थी.फिल्म का पहला षो सुबह छह बजे से शुरू हुआ था.पूरा दिन ‘डंकी’ को चुनौती देने वाली एक भी फिल्म नहीं थी.इसके बाद शनीवार,रवीवार व सोमवार की छुट्टी भी मिली.पर ‘डंकी’ छह दिन में सिर्फ 140 करोड़ ही कमा सकी.विश्वस्तर पर छह दिन में ‘डंकी’ दो सौ छप्पन करोड़ कमा सकी.यह आंकड़े भी निर्माता के दिए हुए हैं.हम सभी जानते हंै कि हर निर्माता अपनी फिल्म के बाक्स आफिस आंकड़े बढ़ा कर ही बताता है.तो वहीं ‘सलार’ को डुबाने के शाहरुख खान की तमाम कोशिशों के बावजूद ‘सलार’ 22 दिसंबर,शुक्रवार को प्रदर्शित हुई.जबकि ‘सलार’ ने महज पांच दिन के अंदर ही दो सौ अस्सी करोड़ से अधिक कमा लिए.तो वहीं विश्वस्तर पर ‘सलार’ ने पांच दिन में लगभग पांच सौ करोड़ से अधिक कमा लिए.