जी टीवी पर आने वाले नए शो ‘प्रो म्यूजिक काउंटडाउन’ को होस्ट कर रहे हैं टीवी, रेडियो होस्ट और यू टूयब सेंसेशन सिद्धार्थ कन्नन. 14 साल की उम्र से वे रेडियो होस्ट के रूप में काम कर रहे हैं. 1997 में उन्हें सब से कम उम्र के रेडियो होस्ट का अवार्ड भी मिल चुका है. उन्होंने कई लोकप्रिय टीवी शोज होस्ट किये हैं. पेश है, हाल ही में उन से की गई बातचीत के मुख्य अंश;

सवाल- शो के दौरान आप किस सैलिब्रिटी के साथ दिल से कनेक्ट हुए?

यदि दिल से कनेक्ट होने की बात की जाए तो मैं अर्जुन कपूर का नाम लेना चाहूंगा. बातचीत के दौरान अर्जुन ने बताया कि पहली दफा जब वे फिल्म ‘संजू’ देख रहे थे तो एक दृश्य के आने पर काफी भावुक हो गए और रोने लगे. फिल्म के उस दृश्य में संजय दत्त अपनी फिल्म रिलीज होने पर रोए थे, क्यों कि उस समय तक उन की मां गुजर चुकी थीं. अर्जुन के बताने पर मैं भी भावुक हो उठा. मैं समझ सकता हूं कि मां को खोने का गम क्या होता है और यही गम अर्जुन कपूर ने भी महसूस किया था.

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सवाल- टीवी पर बहुत से चैट शो चल रहे हैं जैसे द कपिल शर्मा का शो‘, ‘कॉफी विद करणआदि. आप का शो दूसरों से अलग कैसे है?

हम मस्ती और कॉमेडी के साथसाथ वास्तविक जीवन से जुड़ी बातें भी करेंगे. हमारे शो में सैलिब्रिटीज की निजी जिंदगी और उन के सफर को ले कर काफी रोचक बातें होंगी. उन के जीवन के इमोशनल पहलू भी टच किए जाएंगे. उदाहरण के लिए अर्जुन कपूर से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि पहले उन का वजन 140 किलोग्राम था. अभी भी वे चलते हैं तो उन्हें लगता है जैसे उन का वजन बहुत ज्यादा है. इसी तरह मैं ने प्रियंका से पूछा कि निक जोंस के साथ झगड़ा इंग्लिश में करती हैं या हिंदी में तो वे बताती हैं कि दिमाग में हिंदी के शब्द घूम रहे होते हैं और लड़ाई इंग्लिश में करती हूं.

इस शो में 70 % एंटरटेनमेंट और 30 % इमोशनल टच होगा. यह शो ऑनेस्ट है, रियल है. इस में कुछ भी बनावटी नहीं है.

इस सब के अलावा हमारे इस चैट शो में ट्रेंडिंग गानों का काउंटडाउन भी है जिसे काउंटडाउन हम काफी रिसर्च के बाद तैयार कर रहे हैं कि कौन से गाने आने वाले समय में लोकप्रिय होने वाले हैं. इस शो में फिलहाल इंडियन फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े एक्टर्स शामिल किए जाएंगे.

क्या आप को लगता है कि इतनी प्रतियोगिता के बीच शो को लोकप्रिय बनाए रखना आप के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी होगी?

प्रतियोगिता होने में ही मजा आता है. इस शो में मैं फिल्म इंडस्ट्री वालों से इस तरह की बातें करता हूं जो इंडस्ट्री वाले आपस में ही करते हैं. मैं हमेशा पहले से अच्छा करने का प्रयास करता हूं. शो में बिल्कुल रियल रहता हूं. जैसे घर में बातें करता हूं, जैसा दोस्तों के साथ हूं वैसे ही शो में स्टार्स के साथ रहता हूं. इस शो में आप को कौमेडी के साथसाथ इमोशनल टच भी मिलेगा.

सवाल- 14 साल की उम्र से आप रेडियो जॉकी का काम कर रहे हैं. बतौर रेडियो जॉकी और वॉइस ओवर आर्टिस्ट आप को एंकर बनने में क्या सुविधा हुई?

जब मैं ने रेडियो में काम की शुरुआत की थी तब कंप्यूटर नहीं होते थे. उस समय आज की उन्नत टेक्नोलॉजी भी नहीं थी. हमें कई काम एकसाथ करने पड़ते थे. तब चौपिंग टेक्नीक भी नहीं थी यानी जो बोला सो बोला. आजकल जो प्रोग्राम लाइव होते है उन्हें भी 5 मिनट पहले ही शूट कर लिया जाता है. पर उस समय सब कुछ लाइव होता था यानी डाइरेक्ट लाइन होती थी. यहां तक कि सीडी प्लेयर के हिलने पर उसे खुद ही कवरअप करना पड़ता था. कोई गलती होती थी तो उसे सुधारने की जिम्मेदारी खुद पर होती थी और इस बात का कॉन्फिडेंस भी आ गया था कि कुछ भी हो जाए मैं सब सही कर लूंगा. रेडियो में केवल आवाज देखी जाती है. आप के कपड़े या बाल नहीं देखे जाते. आवाज पर ही वर्क करना पड़ता है. मेरे बोलने का लहजा बेहतर होता गया. रेडियो की वजह से ही मैं अपने हुनर पर एकाग्रता ला पाया. रेडियो में काम के कारण ही मेरा प्रेजेंस ऑफ माइंड बढ़ा. रेडियो प्रोग्राम के लिए काफी रिसर्च करनी पड़ती है सो यह भी स्ट्रौंग हो गया. रेडियो की वजह से ही लाइव जाजा कर ही मेरे अंदर इतना आत्मविश्वास आया है.

सवाल- कोलकाता से यहाँ तक का सफर कितना टफ था?

मेरे पैरंट्स कॉरपोरेट वर्ल्ड में थे. 7 साल कोलकाता और 7 साल लखनऊ में रहने के बाद 14 साल की उम्र में मम्मीपापा के साथ मैं मुंबई आ गया. 16 साल की उम्र में वे चेन्नई चले गए और मैं जिद कर के अकेला भाई के साथ मुंबई में ही रहा. 16 साल से आज तक अपने मम्मीपापा से मैं ने कुछ भी नहीं लिया.

इस सफर की  शुरुआत मैं ने 14 साल की उम्र में रेडियो से की थी. उस वक्त कोई भय नहीं था कि मुझे बड़ा सुपरस्टार बनना है या पैसा कमाना है .इन सब बातों का कोई प्रेशर नहीं था. तब मैं क्लास 10 में था. एक शो के 300 रूपए मिलते थे. 200 बच जाते थे जिन्हें कॉलेज में जा कर खर्च कर आता था. बड़े स्टार्स के साथ भी बिंदास बातें करता था. यंग था. कुछ खोने का डर नहीं था. एक होस्ट, वौइस् ओवर आर्टिस्ट और आर जे के रूप में आगे बढ़ता रहा.

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सवाल- अपनी प्रेरणा किसे मानते हैं?

मेरे मातापिता ही मेरी प्रेरणा हैं. उन्होंने मुझे सिखाया है कि जीवन में करने के लिए बहुत कुछ है. केवल पढ़ाई या केवल काम के बजाय जिंदगी जीने और नई चीज़ें सीखने का भी प्रयास करते रहना चाहिए. हर इंसान की कद्र करनी चाहिए और जो मन में है उसे बोल देना चाहिए.

सवाल- आप को जिंदगी में किस बात का डर लगता है?

मुझे डर लगता है कि कहीं मेरी आवाज़ न चली जाए. मैं किसी दिन उठूं और बोल नहीं पाऊं तो क्या करूँगा? एक्चुअली करीब 7 साल पहले मेरे साथ ऐसा हो चुका है. मेरे गले में लंप आ गया था और मुझे बोलने में तकलीफ होने लगी. बहुत बोलने और पर्याप्त पानी न पीने की वजह से यह समस्या हुई थी. तब डॉक्टर ने सलाह दी थी क़ि या तो 6 माह चुप बैठो या फिर सर्जरी करा लो. मगर सर्जरी से आवाज़ भी जा सकती थी. 45 दिन चुप रहने के बाद अंततः मैं ने सर्जरी करा ली थी .

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