साल 2004 में फिल्म ‘दिल मांगे मोर’ से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस सोहा अली खान, एक लेखक और एक बेटी इनाया की मां है. सोहा हमेशा इस बात का ध्यान रखती हैं कि बेटी इनाया की देखभाल में कुछ कमी न हो. यही वजह है कि पिछले कुछ समय से उन्होंने फिल्मों से दूरी बनाए रखी. लेकिन अब उनकी बेटी डेढ़ साल की हो चुकी है और अब वह अच्छी स्क्रिप्ट्स का इंतजार कर रही है. हाल ही में क्रोम्पटन के एंटी बैक्टीरियल लेड बल्ब के लौंच इवेंट पर हमारी सोहा से मुलाकात हुई, पेश है इस बातचीत की कुछ खास बातें.

सवाल: आप किसी ब्रांड के साथ जुड़ते वक्त किस बात का ध्यान रखती है?

मेरी जिम्मेदारी है कि मैं जिस भी चीज से जुडूं, उसे घर में प्रयोग करूं, फिर सबको उसके बारें में बताऊं. मैं बहुत सोच समझकर इस पर निर्णय लेती हूं. मैं अपने घर की साफ़ सफाई पर बहुत ध्यान देती हूं ताकि बच्चे को किसी भी प्रकार की बीमारी से बचाया जा सकें.

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A very happy mother ?❤️#happymothersday

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सवाल: बच्चे की साफ सफाई को लेकर कुछ माएं हद से ज्यादा प्रोटेक्टिव होती हैं, इस पर आपके विचार क्या है? बच्चों को किस तरह का परिवेश दें, ताकि बड़े होकर वे मजबूत बने?

बच्चे की परवरिश में एक बैलेंस का होना बहुत जरुरी है, क्योंकि उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की हमेशा जरुरत होती है. मेरी बेटी इनाया हर जगह जाती है. बाहर गरमी में भी गार्डन में खेलती है. उसको उसका शौक है और मैं चाहती हूं कि वह ऐसा करें. नंगे पैर घास पर चलने का जो अनुभव है उसे मैं इनाया को महसूस करवाना चाहती हूं. बचपन में मैंने भी घास पर बहुत खेला है और बहुत अच्छा भी लगता था. हमेशा एक एयर कंडीशनर और प्यूरिफाई एयर वाले घर में रहना कभी भी अच्छा नहीं होता. दुनिया ऐसी नहीं है. बाहर जाने पर उसे सब अलग मिलेगा, ऐसे में उसकी इम्युनिटी को बढ़ाना भी बहुत जरुरी है. वह स्कूल जाती है. बच्चों के बोतल से पानी पीती है, उनका खाना शेयर करती है. थोडा एक्सपोजर जरुरी है. हाईजिन के चक्कर में अगर आपने उन्हें बीमार बना दिया है, तो वह उनके भविष्य के लिए ठीक नहीं होता. बच्चे की परवरिश में कुछ बेसिक बातें केवल ध्यान में रखने की जरुरत है. मसलन जब वह बीमार होती है, तो मैं उसे स्कूल नहीं भेजती, रेस्ट करने देती हूं. बच्चे की नींद और उसके खाने पर मैं अधिक ध्यान देती हूं. खाना अच्छा हो तो बच्चे की इम्युनिटी बढ़ेगी. मैं उसे अच्छा और हेल्दी भोजन ज्यादा देने की कोशिश करती हूं. कभी-कभी छूट और कभी स्ट्रिक्ट, उसके शरीर के हिसाब से करती हूं. बाहर के खाने को अवौयड करती हूं. फल और सब्जियों के साथ थोडा नौन भेज भी देती हूं.

सवाल: मां शर्मीला टैगोर के साथ बिताया कोई पल जिसे आप अभी मिस करती है?

बचपन में मां ने हमें बहुत अच्छी तरह से पाला है. उन्होंने हमारी हर छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा, जिसे अब मैं अपनी बेटी के साथ करती हूं. उनके केयरिंग अभी भी है, लेकिन पहले जैसे नहीं, जिसे मैं मिस तो नहीं करती लेकिन याद जरूर करती हूं.

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The birthday girl !! ❤️

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सवाल: शर्मीला जी के मां बनने और आपके मां बनने में कितना फर्क आप महसूस करती हैं

दोनों में बहुत अंतर है, क्योंकि मां के परिवार में बहुत सारे लोग थे. खेलने और कुछ सिखाने के लिए बहुत सारे लोग हुआ करते थे. अभी मेरे घर में सिर्फ हम तीन और कुछ स्टाफ होते है. ऐसे में कई बार अकेला महसूस होता है. कुछ सिखाने के लिए कोई नहीं होता. इसके अलावा आज की जैनरेशन इंटरनेट के जरिये बहुत कुछ सीखती है और अपनी मां से अधिक नहीं पूछते. नए बच्चे घरेलू नुस्खे पर विश्वास नहीं करते. उन्हें लगता है कि वे इंटरनेट से ही अच्छी जानकारी ले सकते हैं, जबकि ये घरेलू नुस्खे कई बार अच्छे भी होते है. मेरे परिवार वाले और मेरे ससुराल वालों ने मुझे आजादी दी है कि मैं अपने तरीके से बच्चे का पालन–पोषण करूं, लेकिन मुझे अगर जरुरत पड़ती है, तो उनकी सलाह अवश्य लेती हूं.

सवाल: बच्चे के साथ काम का बैलेंस कैसे करती हैं?

मैं बैलेंस बिल्कुल भी नहीं करती, लेकिन जब वह सोती है, तब मैं कुछ करने की कोशिश करती हूं. मुझे उसे सुलाने में बहुत मजा आता है. मेरे हिसाब से बच्चे के साथ कैरियर को भी देखना जरुरी है. मैं स्वीकार करती हूं कि मैंने अभी तक बहुत अधिक काम नहीं किया है, पर अभी करना चाहती हूं.

सवाल: आपके पति कुनाल खेमू बेटी इनाया की परवरिश में कितना सहयोग देते है? 

कुनाल के साथ इनाया बहुत अधिक खेलती है. दोनों का व्यक्तित्व एक जैसा ही है. कुनाल का सहयोग बहुत है. हाई एनर्जी गेम के लिए वह पापा की बेटी बन जाती है. खाने और सोने के लिए मेरे पास आती है.

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Happy Diwali ❤️ love and light to all

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सवाल: फिल्मों में कब तक आने की इच्छा है?

मैं अभी थोड़ी-थोड़ी काम करने के लिए तैयार हूं और अगले कुछ समय के बाद कुछ अच्छा अवश्य करने वाली हूं.

EDITED BY- NISHA RAI

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