South Actress :  दक्षिण और बौलीवुड का हमेशा से ही चोलीदामन का साथ रहा है. जहां तक हीरोइन की बात है, तो साउथ में कई बौलीवुड हीरोइनों ने हिंदी फिल्मों में अपने फ्लौप कैरियर के बाद साउथ में हिट फिल्में दे कर अपनी अलग पहचान बनाई है. वहीं साउथ की कई हीरोइनें बौलीवुड में आ कर अपना दमखम दिखा चुकी हैं, फिर चाहे एक जमाने की हीरोइन वैजयंती माला, रेखा, हेमा मालिनी, जयाप्रदा, श्रीदेवी हों या फिर शांति प्रिया ही.

ऐसा नहीं है कि बौलीवुड हीरोइनों में दमखम नहीं है. बौलीवुड में कई ऐसी हीरोइन हैं जिन्होंने अभिनय का सिक्का जोरशोर से चलाया है, फिर चाहे वे आलिया भट्ट हों, दीपिका पादुकोण हों, काजोल हों, रानी मुखर्जी हों या फिर शिल्पा शेट्टी ही क्यों न, यही हीरोइनें जब साउथ में काम करती हैं तो उन के अभिनय में और ज्यादा निखार आ जाता है.

साउथ वाले भी बौलीवुड हीरोइनों को हाथोंहाथ लेते हैं. यही वजह है कि कई सालों से साउथ इंडस्ट्री और बौलीवुड इंडस्ट्री में एकता देखी गई है.

लेकिन पिछले कुछ समय से साउथ की हीरोइनें धीरेधीरे बौलीवुड हीरोइनों को पछाड़ कर हिंदी फिल्मों में अपनी खास जगह बनाती जा रही हैं. रश्मिका मंदना, श्री लीला, सामंथा रुथ, तमन्ना भाटिया, नयनतारा, काजल अग्रवाल आदि साउथ की हीरोइनें न सिर्फ दर्शकों की पसंद बनती जा रही हैं, बल्कि धीरेधीरे बौलीवुड में कई बिग बजट फिल्मों में बड़े हीरोज के साथ फिल्में भी कर रही हैं.

साउथ की हीरोइनों में ऐसा क्या है, जो बौलीवुड फिल्म मेकर्स उन्हें अपनी फिल्म में लेने के लिए बेताब रहते हैं और बौलीवुड हीरोइनों में ऐसी क्या कमी है जो धीरेधीरे हिंदी फिल्मों में वे ऐक्टिंग का जलवा नहीं दिखा पा रहीं, जानते हैं इस बारे में कुछ खास :

बङा फर्क

जब से सिनेमा की यात्रा शुरू हुई है तब से कहीं न कहीं बौलीवुड स्टार्स का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बोलबाला रहा है, जैसे राज कपूर, अमिताभ बच्चन, सलमान खान, शाहरुख खान आदि. इस के विपरीत साउथ इंडस्ट्री मल्टी टेलैंटेड होने के बावजूद बौलीवुड स्टारों से कहीं न कहीं पीछे रही. इस में कोई दोराय नहीं है कि साउथ की फिल्में अच्छी बनती हैं लेकिन चूंकि साउथ की फिल्में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश या मध्य प्रदेश के सिनेमाघरों में ज्यादा रिलीज नहीं हुईं, इसलिए साउथ की फिल्मों के दर्शक भी कम थे. लेकिन लौक डाउन के दौरान जब ओटीटी पर साउथ फिल्मों का प्रदर्शन शुरू हुआ तो पूरे भारत में साउथ की फिल्मों का डंका बज गया. इस के बाद जो पहले साउथ फिल्में डब होती थीं वे अब हिंदी भाषा में भी बनने लगी हैं.

इसी के चलते साउथ की हीरोइनें, जो पहले साउथ फिल्मों तक ही सीमित थीं, अब वे बौलीवुड फिल्मों से भी जुड़ने लगी हैं क्योंकि साउथ इंडस्ट्री में मेकर्स बहुत मेहनती और काम के मामले में सख्त हैं. हीरो हों या हीरोइन या फिर कोई और कलाकार, साउथ के मेकर्स अभिनय के मामले में ऐक्टरों को निचोड़ कर रख देते हैं. उन को इस से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन की फिल्म में काम करने वाला ऐक्टर लड़का है या लड़की या फिर हिट या फ्लौप. साउथ के मेकर्स की यही क्वालिटी है कि वे अपने हर कलाकार से पूरीपूरी मेहनत कराते हैं.

यही वजह है कि साउथ में कई हीरोइन ऐसी भी हैं जो बौलीवुड में फ्लौप होने के बाद साउथ फिल्मों की तरफ बढ़ी हैं और साउथ में उन्होंने न सिर्फ नाम कमाया बल्कि ढेर सारा पैसा भी कमाया. उस के बाद हिंदी फिल्मों में वापसी भी की.

किरदार में जान डालती हैं

साउथ की हीरोइनें अपना किरदार बिना किसी झिझक के और पूरी मेहनत के साथ निभाती हैं. यही वजह है कि जब साउथ की हीरोइनों ने बौलीवुड फिल्मों में काम करना शुरू किया तो उन को पसंद किया गया. साउथ की हीरोइनों को एक के बाद एक फिल्में मिलती गईं.

बौलीवुड की कई हीरोइन जो साउथ में जा कर अच्छा काम करती हैं वे हिंदी फिल्मों में इतना अच्छा काम नहीं कर पातीं क्योंकि 1-2 हीरोइनों को छोड़ कर बाकी हीरोइन हिंदी फिल्मों में इतनी अच्छी ऐक्टिंग नहीं करतीं जितना कि वे साउथ में करती हैं. इस के पीछे खास वजह यह है कि उन को साउथ के डाइरैक्टर्स की सख्ती का पता है. वहीं बौलीवुड फिल्मों में मेकर्स फिल्म की कहानी डाइरैक्शन से ज्यादा प्रमोशन पब्लिसिटी, अंग प्रदर्शन, इंटिमेट सींन्स पर ज्यादा रहता है.

फिल्म छोङ सोशल मीडिया पर फोकस

इन दिनों सिनेमा और ओटीटी पर अंग प्रदर्शन और इंटिमेट दृश्य भरभर के दिखाए जा रहे हैं. साउथ की हीरोइन जहां अपनी फिल्म में अपने किरदार पर हर तरह से मेहनत करती नजर आती हैं, वहीं बौलीवुड हीरोइन इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर जिम करतीं, सैक्सी फोटोशूट के जरीए अंग प्रदर्शन या फिल्म रिलीज होने से पहले मंदिरों में दर्शन करती नजर आती हैं.

नई पीढ़ी की बौलीवुड हीरोइन का ध्यान ऐक्टिंग पर कम और पब्लिसिटी पर ज्यादा रहता है. इसी वजह से बौलीवुड हीरोइनों में दम नजर नहीं आता जबकि बौलीवुड की पहले की हीरोइनें जैसे माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी, दीपिका पादुकोण, काजोल, शिल्पा शेट्टी, उर्मिला मातोंडकर तक अपने किरदार में जान फूंकने के लिए कड़ी मेहनत करती थीं. ऐसा दमखम आज की पीढ़ी वाली हीरोइनों में नहीं दिखाई देता.

यही वजह है कि साउथ की हीरोइनें धीरेधीरे बौलीवुड हीरोइनों को पछाड़ कर हिंदी फिल्मों में अपनी जगह बना कर बौलीवुड हीरोइनों पर भारी पड़ रही हैं.

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