मूलतः पारसी और संगीत जगत में अच्छी पहचान बनाने के बाद तारा सुतारिया ने करण जौहर की फिल्म ‘‘स्टूडेंट औफ द ईअर 2’’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा. अब उनकी दूसरी फिल्म ‘‘मरजावां’भी रिलीज हो चुकी है. प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के अंश..
सवाल- ‘‘स्टूडेंट औफ द ईयर 2’’ के बाद ऐसा कौन सा कमेंट मिला,जिसने आपको सबसे ज्यादा खुशी दी?
-फिल्म की रिलीज के बाद मेरे पेरेंट्स का जो रिएक्शन था,उससे मुझे सर्वाधिक खुशी मिली. मैं स्वयं लोगों के रिएक्शन के लिए, खासकर अपनी कजिन सिस्टर के रिएक्शन के लिए उत्सुक थी. मुझे याद है कि फिल्म देखने के बाद हम सब घर गए थे.हम सभी एक साथ बैठ कर भोजन कर रहे थे. भोजन टेबल डायनिंग टेबल के पास मेरे माता पिता आए और मुझे गले लगाते हुए कहा-‘‘वी आर प्राउड औफ यू.’’वैसे मेरे फादर बहुत स्ट्रौन्ग है, पर उस दिन मुझे गले लगाते हुए उनकी आंखों में थोड़े से आंसू थे.मुझे बहुत आश्चर्य हुआ. मुझे बहुत अच्छा लगा. मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया है. क्योंकि वह मेरे पैरेंट्स हैं.मेरी जुड़वा बहन मेरी जैसी ही है.करण जोहर का रिएक्शन भी बहुत अच्छा रहा. इतना ही नहीं, बौलीवुड के दूसरे निर्माता व निर्देशकों के भी बहुत अच्छे रिएक्शन मिले. मैं भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं. जबकि फिल्म के रिलीज के वक्त मैं बहुत ही ज्यादा नर्वस थी. पर सचमुच रिएक्शन बहुत अच्छे मिले.
सवाल- आपकी फिल्म‘‘मरजावां’’को अच्छा रिस्पौंस नहीं मिल रहा?
-देखिए,‘मरजावां’ जैसी फिल्म कम से कम दस वर्षों में इस तरह की फिल्म नही बनी है. यह एक्शन से परिपूर्ण बहुत ही अलग तरह की प्रेम कहानी है.फिल्म को उम्मीद के अनुरूप दर्शकों पसंद नहीं कर रहे हैं. मगर फिल्म क्रिटिक्स और दर्शकों ने भी मेरे जोया के किरदार व मेरे अभिनय की तारीफ की.
सवाल- ‘स्टूडेंट आफ द ईअर 2’के बाद आपकी यह फिल्म‘‘मरजावां’’भी प्यार को लेकर है. निजी जिदगी में आपके लिए प्यार के क्या मायने हैं?
-मेरा जन्म नवंबर माह का है, इसके मायने यह हुए कि मैं स्कार्पियो हूं. स्कार्पियो बहुत ही ज्यादा प्यार के भूखे होते हैं. इनके लिए प्यार बहुत अहम होता है.मेरे लिए निजी जिंदगी में सबसे ज्यादा अहमियत प्यार की ही है. जब मैं छोटी थी,तो मैं प्यार को लेकर सपना देखा करती थी. मेरी राय में काम भी जरुरी है,मगर निजी जीवन के रिश्तों व काम के बीच सामंजस्य बैठाना आना चाहिए.यह बहुत जरुरी है.किसी एक इंसान को ज्यादा प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए. मेरी राय में प्यार से बढ़कर कुछ नही. फिलहाल मैं प्यार को कम महत्व दे रही हूं, क्योंकि इस वक्त मेरे पास काम ज्यादा है.
सवाल- मगर आपकी पीढ़ी के लोगों के लिए प्यार ‘काफी डे’से शुरू और ‘काफी डे’पर ही खत्म हो जाता है?
-मेरी राय में यह इंडीवीज्यूअल पर निर्भर करता है. मैं तो ओल्ड फैशन स्कूल से हूं, मेरी जिंदगी में जब कोई प्यार आएगा,तो वह हमेशा के लिए हो, यह मेरी सोच है.मैं यह बात कहने के लिए नही कह रही, बल्कि हकीकत में मैं ऐसा ही फील अहसास करती हूं. मेरे लिए ऐसा नहीं हो सकता.
सवाल- आप निजी जिंदगी में संगीत से जुड़ी हैं, इसी के चलते फिल्म ‘मरजावां’में आपके जोया के किरदार को संगीत से जोड़ा गया?
-नहीं..फिल्म की स्क्रिप्ट पहले लिखी गयी थी और मैं इस फिल्म से बाद में जुड़ी. मेरी राय में फिल्म में जो संगीत है, और जिस तरह का संगीत मैं निजी जिंदगी में करती हूं, दोनों बहुत अलग हैं. लेकिन एक कनेक्शन तो है. हमारी इस फिल्म के संगीत अलबम में छह गाने हैं.यह अलबम मेरा पसंदीदा अलबम है. इसका गीत‘‘ तुम ही आना’’ मुझे बहुत पसंद है. लोगों को भी पसंद आ रहा है.
सवाल- आप खुद किस तरह के संगीत में रूचि रखती है?
-मुझे वेस्टर्न क्लासिकल संगीत बहुत पसंद है. मैं इसी तरह का संगीत सुनते हुए बड़ी हुई हूं. मुझे पता है कि मेरी हम उम्र लोग भी इसे पसंद करते हैं. मुझे यह बहुत शूट करता है.जब दिन भर शूटिंग करके मैं घर जाती हूं,तो मैं कुछ समय वेस्टर्न संगीत सुनना पसंद करती हूं.
सवाल- आपकी अगली फिल्म तो ‘‘तड़प’’ ही है?
-नाम अभी तक तय नही है. पर यह दक्षिण भारत की फिल्म‘‘आर एक्स 100’’की हिंदी रीमेक है,जिसमें मेरे साथ सुनील शेट्टी के बेटे अहान शेट्टी हैं. साजिद नाडियादवाला इसके निर्माता है.मिलन लूथरिया निर्देशक हैं.इसकी शूटिंग करने के लिए नवंबर माह में मसूरी जा रहे हैं. वहां ठंड में इस फिल्म की शूटिंग करेंगे.
सवाल- अभिनय में व्यस्त होते ही म्यूजिकल कंसर्ट करने बंद कर दिए?
-जी हॉ!न चाहते हुए भी ऐसा हो गया.वक्त ही नही मिल रहा है.अब मैने सोचा है कि किसी फिल्म में गाने या एक अलबम निकालने के बाद ही म्यूजिकल कंसर्ट करुंगी.यह अब अगले वर्ष ही हो पाएगा.
सवाल- 2020 में जो अमरिका में म्यूजिकल कंसर्ट करने की योजना थी, वह करने वाली हैं या वह भी अभिनय की भेंट ..?
-अभी तक तो यह निर्णय ले रखा है कि मुझे करना है और मेरी पूरी कोशिश होगी कि इसके लिए मैं समय निकालूं.
सवाल- आप सोशल मीडिया पर कितना व्यस्त रहती हैं?
-पहले तो मैं कुछ नही जानती थी.सोशल मीडिया तो मेरी समझ से परे था.लेकिन फिल्म ‘‘स्टूडेंट आफ द ईअर 2’’के प्रमोशन के दौरान मुझे इसकी आदत डाल दी गयी. अब मैं ट्वीटर व इंस्टाग्राम पर थोड़ा बहुत सक्रिय हूं. मैं सीख रही हूं.
सवाल- सोशल मीडिया पर आप क्या लिखना पसंद करती हैं?
-दिन भर जो मेरी एक्टीविटी होती है, उसके बारे में कुछ लिख देती हूं. कई बार कुछ तस्वीरें लगा देती हूं. पर मैं बहुत कम ही पोस्ट करती हूं. मैं हमेशा खुद बना रहना चाहती हूं. दूसरों की नकल कर दिन भर सोशल मीडिया पर व्यस्त नहीं रह सकती.
सवाल- सोशल मीडिया से कलाकार को फायदा होता है?
-इस बारे में सोचा नहीं. लोग कहते हैं कि इसका फायदा मिलता है. प्रशंसकों के साथ कनेक्ट जुड़ाव होता है. सोशल मीडिया पर व्यस्त रहने से फालोअर्स की संख्या बढ़ती है. पर मुझे ऐसा नहीं लगता.वास्तव में मेरी सोच ओल्ड फैशन की है. बौलीवुड में जो पहले सुपर स्टार थे, उनके पास कोई सोशल मीडिया नहीं था.वह हर किसी के साथ जुड़ते नही थे, पर परदे पर आकर वह जिस तरह से लोगों के साथ जुड़ जाते थे, उसी के चलते वह सुपर स्टार व स्टार बने.मूल बात यह है कि जब आप जनता या अपने प्रशंसको के सामने आते हैं, उस वक्त यदि आप एक वार्म इंसान हैं, तो लोगों को पता चलेगा.सोशल मीडिया पर जो कुछ लोग दिखाने का प्रयास करते हैं, वह सब मुझे बहुत फेक बनावटी लगता है. सोशल मीडिया पर हम सभी खुद को बहुत ही बेहतरीन इंसान साबित करते रहते हैं, जबकि हम सब की यह असलियत नही है. इसलिए सोशल मीडिया पर ज्यादा अच्छा बनने की बजाय जरुरत है कि हम अपने काम पर ‘फोकस’ करें, अच्छा काम करें.
सवाल- सोशल मीडिया से कलाकार के स्टारडम को नुकसान हो रहा है?
-मुझे भी यही लगता है. पर हो यह रहा है कि जो कुछ हमें अपनी फिल्म के माध्यम से सिनेमा के परदे पर दिखाना व बताना चाहिए,वह सब हम सोशल मीडिया पर ही बता रहे हैं. आप देखिए, किसी भी ईवेंट में जब रेखा जी पहुंचती हैं, तो लोग उनके ‘औरा’के दीवाने हो जाते हैं. या हेमा जी को ही लीजिए.तो यह स्टार क्वालिटी नजर आती है.पर जब आप हर दिन सोशल मीडिया पर दिखाते हैं कि मैं क्या खा रही हूं या कहां जा रही हूं, या इस तरह के कपडे़ पहन रही हूं, तो आपका लोगों में चार्म खत्म हो जाता है.खास बात चली जाती है. मेरी यह ओल्ड फैशन सोच कही जा सकती है.पर क्या करुं. मैं ओल्ड फैशन हूं. मुझे लगता है कि हर बात सोशल मीडिया के माध्यम से जग जाहिर नही करनी चाहिए. कुछ बातें तो बहुत निजी होती है. कुछ बातें छिपाकर रखना चाहिए, जिससे आपके प्रति लोगो में उत्सुकता बरकरार रहे. मेरी यही सोच है. पर आज का जमाना ऐसा नही है. इसलिए मुझे भी थोड़ा बहुत सोशल मीडिया पर पोस्ट करना ही पड़ता है.