ब्रिटिश फिल्मकार डैनी बॉयल ने 2008 में भारत आकर जुहू की स्लम बस्ती में पलने वाले 18 साल के बालक जमाल की कहानी बयां करने वाली फिल्म ‘स्लमडौग मिलेनियर’ का फिल्मांकन झुग्गी झोपड़ी में किया था,जिसमें जमाल का किरदार देव पटेल ने निभाया था.इसी के चलते वह महज अठारह साल की उम्र में स्टार कलाकार बन गए थे.यह उनके कैरियर की दूसरी फिल्म थी.इंग्लैंड में बसे देव पटेल गुजराती भी बोलते हैं.उनके पूर्वज भारत के गुजरात में जामनगर और उंझा में रहते थे.तब से अब तक वह  ‘लायन’,‘होटल मंुबई’,‘आई लास्ट माई बौडी’ सहित तकरीबन सत्रह फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं.देव पटेल ने 2018 में घोषणा की थी कि अब वह अभिनय के साथ ही बतौर सह लेखक और निर्देशक एक्शन रोमांच प्रधान फिल्म ‘‘मंकी मैन’’ बना रहे है ,जिसके निर्माता रघुवीर जोशी थे.इस फिल्म की क्या प्रगति हुई पता नही ,मगर अब देव पटेल ने रघुवीर जोशी के निर्देशन में अंग्रेजी-हिंदी भाषी फिल्म ‘‘सहेला’’ (कंपेनियन) का निर्माण किया है,जिसका दक्षिण एशियाई प्रीमियर 27 अक्टूबर से पांच नवंबर तक चलने वाले ‘जियो मामी मुंबई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2023’ हो रहा है.

सिडनी में फिल्मायी गयी फिल्म ‘‘सहेला (कंपेनियन)’’ की कहानी पश्चिमी सिडनी में रह रहे भारतीय समुदाय और वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है.जिसमें षादी के बाद पति पत्नी के बीच उस वक्त दरार पैदा होती है,जब पत्नी नित्या को पता चलता है कि उसका पति रवि ओझा समलैंगिक है.वीर (एंटोनियो अकील) और नित्या (अनुला नावलेकर) सिडनी के पैरामाट्टा में रहने वाले एक खुशहाल शादीशुदा जोड़े हैं.उन्हें एक साथ सितार बजाना पसंद है, वह एक सफल दंत चिकित्सक है, और वह अपनी लेखांकन परीक्षा के लिए अध्ययन कर रहा है.हालाँकि, जैसे-जैसे बचपन से उनमें निहित सांस्कृतिक अपेक्षाएँ प्रभावित होने लगती हैं, यह दोनों दिखावे को बनाए रखने के लिए संघर्ष करते हैं.टूटने के बिंदु पर पहुंचने के बाद, वीर अपनी कामुकता के बारे में नित्या के सामने आता है.यह रहस्योद्घाटन जोड़े के बीच अलगाव का कारण बनता है, जिससे उनके परिवार के गहरे सांस्कृतिक मूल्यों पर सामाजिक अपमान के बादल मंडराते हैं. जैसे ही वीर आत्म-खोज की यात्रा पर निकलता है, नित्या अपनी वास्तविकता के ताने-बाने से जूझती है, और उन्हें अन्वेषण और परिवर्तन के रास्ते पर ले जाती है. यद्यपि वह अभी भी भावनात्मक रूप से एक-दूसरे से बंधे हुए हैं, फिर भी वह प्रेम पर एक वैकल्पिक दृष्टिकोण खोजते हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • 24 प्रिंट मैगजीन
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...