जब कोरोना महामारी चरम पर थी, उस वक्त कई डाक्टर व नर्से कोविड अस्पताल से दूरी बनाकर रखना चाहते थे. ऐसे कठिन समय में ‘रनिंग शादी’’ और ‘फैन’ जैसी फिल्मों में छोटे किरदार तथा फिल्म ‘कांचली’ में बतौर हीरोईन अभिनय कर चुकी शिखा मल्होत्रा ने आगे बढ़कर नर्स के तौर पर मुंबई के ठाकरे अस्पताल में मुफ्त में काम करते हुए कोरोना मरीजों का इलाज कर एक नई मिसाल पेश की. मार्च से अक्टूबर माह तक सैकड़ों कोरोना मरीजों को अपनी नर्सिंग से ठीक करने के बाद वह स्वयं कोरोना की शिकार हुई. कोरोना से ठीक होने के एक माह बाद उनके शरीर के दाहिने हिस्से में लकवा मार गया. पर वह ठीक हो गयीं. बचपन से फाइटर रही शिखा मल्होत्रा के योगदान को उस वक्त सम्मान मिला जब राजभवन में महाराष्ट् के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हाथों उन्हें ‘वागधारा नव रत्न सम्मान 2021’के तहत ‘कोरोना सम्मान’ से सम्मानित किया गया.  इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे और पूर्व राज्य मंत्री कृपा शंकर सिंह और वागधारा राष्ट्रीय मंच के अध्यक्ष वागीश  सारस्वत उपस्थित थे.

यूं तो शिखा मल्होत्रा अभिनेत्री होने के साथ साथ एक प्रशिक्षत नर्सिंग अधिकारी हैं. कोरोना महामारी के दौरान सात महीने तक  फ्रंटलाइन योद्धा के रूप में शिखा मल्होत्रा ने सात माह के बच्चे से लेकर 98 साल की उम्र के सैकड़ों कोरोनोवायरस रोगियों की देखभाल की और उन्हें स्वस्थ कर घर वापस जाने योग्य बनाया.

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‘‘वागधारा नव रत्न सम्मान’’से सम्मानित होने पर शिखा मल्होत्रा ने कहा-“मैं वागधारा न्यायिक चयन समिति का बहुत आभारी हूं,  जिसने मुझे इस सम्मान से गौरवान्वित किया. एक अभिनेत्री होने के साथ- साथ,  मैंने नर्सिंग में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रखी है. वैश्विक महामारी के समय देश के लिए कुछ करना मेरा सौभाग्य था. मैं हमेशा मानव कल्याण के लिए तत्पर रहूंगी. मैं अपने माता-पिता और प्रशंसकों को धन्यवाद देना चाहती हूं. ”

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