स्टार प्लस की नंबर वन धारावाहिक अनुपमा में बा की भूमिका निभाकर चर्चित हुई अभिनेत्री अल्पना बुच थिएटर और टीवी आर्टिस्ट है. फ़िल्मी बैकग्राउंड से होने की वजह से उन्हें बचपन से ही कला का माहौल मिला है, यही वजह है कि उन्होंने अभिनय के अलावा कभी कुछ सोचा नहीं. वह केवल हिंदी ही नहीं, गुजराती फिल्मों और थिएटर की भी प्रसिद्ध अभिनेत्री है. उन्हें हर नया काम उत्साह देता है और हर नयी चुनौती वह खुद लेती है. स्वभाव से विनम्र और हंसमुख अल्पना का काम के दौरान मुलाकात टीवी और थिएटर आर्टिस्ट मेहुल बुच से हुई. प्यार हुआ, शादी की और एक बेटी भाव्या की माँ बनी. उन्होंने माँ बनने के बाद भी अभिनय नहीं छोड़ा. गृहशोभा के लिए उन्होंने खास बात की और बताया कि कॉलेज के ज़माने में उन्होंने इस प्रोग्रेसिव विचार रखने वाली पत्रिका को काफी पढ़ा है. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उनकी जर्नी के बारें में बात हुई, आइये जाने, उनकी कहानी उनकी जुबानी.
सवाल-धारावाहिक में ‘बा’ की भूमिका से आप कितना रिलेट कर पाती है?
मैं बा की भूमिका से खुद को रिलेट नहीं कर पाती, क्योंकि मेरी उम्र सास बनने लायक नहीं है और मेरा बेटा नहीं है, इसलिए सास तो मैं कभी बन नहीं सकती. मेरी खुद की सास बहुत ही अच्छी थी. वह हमेशा दुनिया से आगे सोचती थी, इसलिए मुझे आज़ादी भी खूब मिली है. मैंने शादी के बाद भी अभिनय करना नहीं छोड़ा.
बा की भूमिका से पहले मैंने प्यार और कॉमेडी की भूमिका निभाई थी. पहले इसे करने में अजीब लगा, क्योंकि कोई सास कैसे किसी बहू को कही जाने आने से मना कर सकती है या डांट सकती है, लेकिन मैंने कई ऐसे घर देखे है, जहाँ बहू को आज भी पूछकर बाहर जाना पड़ता है, छोटे शहरों में आज भी ऐसा चलता है. मुझे एक बात इस चरित्र में गलत नहीं लगता, जब सास अपने घर के संस्कार और रीतिरिवाज बहू या बेटे को सिखाती है. सबको ये समझना पड़ेगा कि उसकी सोच 20 साल पुरानी है और उसी हिसाब से वह चलती है, उसे आधुनिक बनाना संभव नहीं.
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