माँ मेरी सबसे अच्छी सहेली है, उनसे मैं हर दिन आज भी शादी के भी बाद बात करती हूँ, नहीं तो मेरा दिन अधूरा लगता है. माँ ने मुझे हमेशा हर काम के लिए आजादी दी है, लेकिन कुछ गलत होने पर डांट भी पड़ी है कहती है 31 वर्षीय अनुपमा फेम खुबसूरत, विनम्र, हंसमुख अभिनेत्री मदालसा शर्मा चक्रवर्ती.

उन्होंने तेलगू फिल्म से अभिनय कैरियर की शुरुआत की.वह अभिनेत्री शीला शर्मा और निर्माता, निर्देशक सुभाष शर्मा की बेटी है. मदालसा को बचपन से अभिनय का माहौल मिला है. यही वजह है कि अभिनय के अलावा वह किसी और फिल्ड के बारें में नहीं सोच सकती थी. उन्होंने हर फिल्म में अपनी एक अलग पहचान बनाने की कोशिश की है.

मदालसा अभी स्टार प्लस की धारावाहिक ‘अनुपमा’ में पिछले 3 साल से अभिनय कर रही है, जिसमें वह काव्या जावेरी की भूमिका निभा रही है,जबकि शीला शर्मा,जी टीवी की शो ‘रब से है दुआ’ में अंजुम बानो की भूमिका निभा रही है. शूटिंग के दौरान उनदोनों ने समय निकालकर गृहशोभा के लिए खास बात की और बताया कि माँ-बेटी का रिश्ता कितना मधुर और प्यारा होता है, आइये जाने दोनों से हुई बातचीत के कुछ खास अंश, जो इस प्रकार है.

सवाल– आप दोनों का रिश्ता किस प्रकार का है?

मदालसा–मेरी माँ मेरी दोस्त है, किसी भी मुश्किल घडी में उन्होंने हमेशा साथ दिया है. माँ के साथ बिताये पल को बताना संभव नहीं उन्होंने बचपन से मुझे जितना नर्चर किया है, वह एक अलग ही एहसास है. माँ के लिए मुझसे  अधिक जरुरी कुछ नहीं था. हर पल उनका मुझपर फोकस रहता था. बचपन में वह जिस तरह से केयर करती थी, अभी भी वह वैसी ही करती है. शादी के बाद भी मेरे और उनके रिश्ते के बीच में 1 प्रतिशत का भी अंतर नहीं पड़ा है. मैं उनके साथ हर बात की चर्चा किये बिना नहीं रह सकती. मेरे पति को इसे देखकर कभी गुस्सा नहीं आता, बल्कि वे इसे सराहते है.

शीला शर्मा–( हंसती हुई )वह मेरी दोस्त है. मेरी सबसे बेस्ट फ्रेंड मेरी बेटी है. वह मुझसे सारी बातें शेयर करती है. किसी से मिलना, उनसे बातचीत सब मुझे बताती है. मैं माँ से अधिक उसकी हमउम्र बनकर साथ चलती हूँ, इससे मुझे उसे समझना आसान होता है.

सवाल –मदालसा क्या माँ के साथ कभी टीनेज में विद्रोही बनी? जब आपको उनका रोकना या टोकना पसंद नहीं था?

मुझे याद आता है, मेरी टीनेज फ्रेंड्स को माँ की बातें पसंद नहीं होती थी, वे उनसे तर्क-वितर्क किया करती थी, जब वे एक रीबेल एज में होते है, लेकिन मेरे साथ कभी ऐसा नहीं हुआ,पेरेंट्स ने एक बात स्पष्ट कर दिया था कि मीठी ( निक नेम ) लाइफ में जो भी करना है, जहाँ भी जाना है, पर हमें सही बात बताना. इसके अलावा उनका कुछ भी प्रतिबन्ध नहीं था. खुद भी मैं समय से आना-जाना किया करती थी. इतना ही नहीं मैंने 16 साल की उम्र में साउथ में काम शुरू कर दिया था, ऐसे में मेरी किसी समस्या का समाधान वह करती रहती थी. माँ के द्वारा किये गए किसी भी प्रयास को हमेशा मैंने दिल से माना है. बचपन से मैं एक एक्ट्रेस ही बनना चाहती थी. मैं पढाई में अच्छी होने के साथ-साथ डांस, नाटक,एलक्यूशन आदि सभी में भाग लिया करती थी.

सवाल –शीला, क्या मदालसा ने कभी किसी चीज के लिए जिद किया? शादी के बाद उनमे कुछ परिवर्तन आपने देखा?

उसने कभी किसी बात के लिए जिद नहीं किया है, क्योंकि वह मुझसे भी अधिक समझदार है. वह हर चीज को जानने के बाद ही आगे बढती है. उसके साथ बिताया हर पल बहुत ही अच्छा रहा, शादी के बाद भी उसमे परिवर्तन देखने को नहीं मिला. उसका ससुराल पक्ष बहुत अच्छा है, वह मिथुन चक्रवर्ती और योगिता बाली की चहेती है. पति मिमोह भी बहुत अच्छे है. मदालसा ने मिथुन चक्रवर्ती से शादी के बाद कहा कि वह पेरेंट्स की देखभाल करने के लिए काम करना चाहती है. ये बातें मिथुन को बहुत पसंद आई, क्योंकि एक बेटी शादी के बाद भी इतना कुछ अपने पेरेंट्स के लिए सोच सकती है. ये सारी टचिंग मोमेंट्स है. वह हर रात गुडनाईट कॉल अवश्य करती है.

सवाल –मदालसा, माँ की कोई भी शो जो आपको बहुत प्रेरित करती है?

माँ ने शुरू में महाभारत में देवकी की भूमिका निभाई थी, जो बहुत ही सुंदर थी. जेल में उनके सीन बहुत ही हार्ट टचिंग थी, जब वह अपने बच्चे को खो रही थी. बहुत ही इमोशनल सीन थी. उस दौरान वह खुद भी प्रेग्नेंट थी.

सवाल– शीला, क्या काम के साथ बच्चे की परवरिश करना मुश्किल नहीं था?

काम के साथ मैंने मदालसा की हर चीज का ध्यान दिया, इसमें प्रोजेक्ट वर्क, पैरेंट टीचर्स मीटिंग, होमवर्क, परीक्षा के समय पढाई पूरे करवाना आदि. जहाँ भी मेरी जरुरत पड़ी, मैं हमेशा उसके साथ रहती रही. मैंने उसे कभी पैम्पर नहीं किया और जीवन की कठिनाइयाँ से भी अवगत करवाया. उसे एक स्ट्रोंग पर्सन बनने की सलाह दी. इसके अलावा किसी भी चीज की वैल्यू करना सिखाया है फिर चाहे वह काम में कमिटमेंट हो या बड़ो को इज्जत देना सब समझाया है आज वह उसी हिसाब से चल रही है. आज जब अनुपमा के निर्माता मेरी बेटी को बेंच मार्क कहते है, क्योंकि उसका काम के प्रति समर्पण बहुत अधिक है. इससे मुझे ख़ुशी मिलती है और लगता है कि मेरी ग्रूमिंग बेटी के लिए सही है.

सवाल –मदालसा,क्या माँ के साथ काम करना चाहती है?

मैंने माँ के साथ एक पंजाबी फिल्म की है, जिसमे वह हीरो की माँ बनी थी. आगे उनके साथ करने की इच्छा है. उनकी एनर्जी, काम करने का तरीका सब कुछ बहुत अलग है. इस उम्र में भी वह वैसी ही लवली और चार्मिंग दिखती है.

सवाल –आप दोनों एक दूसरे के हाथ का बनाया कोई व्यंजन जिसे बहुत पसंद करती है?

मदालसा- मेरी माँ ओरिजिनली साउथ इंडियन कैथोलिक है,उनकी एक रेसिपी है ‘अवियल’, जो वह बहुत अच्छा बनाती है, इसके अलावा चिकन कटलेट, कोकोनट वाली फिश करी.

शीला – मेरी बेटी सबकुछ बना लेती है, वह एक अच्छी कुक भी है. उसके हाथ का बना पनीर मखनी लाजवाब होता है.

सवाल – माँ की कौन सी चीज जो आप अपने जीवन में उतारना पसंद करती है?

मदालसा – माँ की हर दिन की डेडीकेशन, जो वह अपने काम के साथ-साथ पिता, परिवार और मेरे साथ रहता है. रोज शूट पर जाना, फिर मेरे लिए समय निकालना, आदि जो लगातार करती है, उसकी मैं प्रसंशक हूँ.

सवाल –मदालसा, आज के बच्चों के लिए कोई मेसेज जो आप देना चाहे?

बेटे हो या बेटी उनकी जो बोन्डिंग माँ के साथ होती है,वह किसी के साथ नहीं हो सकती. माता-पिता और बच्चे के बीच का प्यार अनकंडीशनल होता है. जीवन के किसी भी फेज में वे हमेशा साथ खड़े होते है और उनकी चाहत केवल एक प्यार होता है. बचपन से उन्होंने हमेशा प्यार ही दिया है, इसलिए जब हमसब बड़े होते है, तो बिना किसी सोच के उन्हें वही प्यार और सम्मान देते रहना चाहिए.

सवाल –शीला, क्या आज के पेरेंट्स के लिए कोई मेसेज देना चाहती है?

काम कभी भी न छोड़े, काम से हमारे अंदर जोश और लगन रहता है. हमारी एक पहचान बनी रहती है. एक हाउसवाइफ बनकर रहना ठीक नहीं. बच्चे को उतना समय दें, जितना जरुरी है और ये सब काम के साथ-साथ हो सकता है, सिर्फ एक सामंजस्य बनानी पड़ती है. आत्मनिर्भर होने से जीवन में कितनी भी मुश्किलें आये, व्यक्ति उससे निकल सकता है. खुद को काम करने से कभी न रोके.

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