आशा भोसले ने अपनी दिलकश आवाज से इंडस्ट्री में नया मुकाम हासिल किया है. उन्होंने इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक गाने गाए जो मशहूर हुए. आशा जी के गानों से लोगों को जीने की अलग राह मिली, लेकिन जितने खुशनुमा आशा जी के गाने हैं, वैसी उनकी जिंदगी नहीं रही. उनकी जादुई और मधुर आवाज के पीछे ढेर सारे संघर्ष और गम भी छिपे हुए हैं.
6 दशक से भी लंबे सिंगिंग करियर में पहचान बनाने वाली आशा जी का जन्म 8 सितंबर 1933 को हुआ था. कहा जाता है कि महज 10 साल की उम्र में ही वह एक प्रोफैशनल सिंगर बन गईं थी. उन्होंने हजारों की संख्या में फिल्मों में गाने गाए जिनमें से सारे प्राइवेट एल्बम के साथ ही सोलो कौन्सर्ट भी हैं.
आशा जी ने बड़ी मेहनत से अपने जीवन और अपनी करियर की शुरुआत की. इस बात का अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं कि जिसकी बड़ी बहन 'लता मंगेशकर' हो उसे 'बेहद सुरीली आवाज की मलिका' होने के बावजूद शुरुआत में दूसरी पसंद के तौर पर काम करना पड़ा था.
बताया जाता है कि आशा जी और आरडी बर्मन की लव स्टोरी भी काफी सुर्खियों में रही थी. दोनों की मुलाकात एक रिकौर्डिंग स्टूडियो में हुई, एसडी बर्मन ने आशा से आरडी बर्मन को मिलवाते हुए कहा था कि ये मेरा लड़का है. उस समय बर्मन ने आशा से ज्यादा बात नहीं की थी, बस एक नोट बुक उनकी ओर बढ़ाकर औटोग्राफ मांगा था.
खबरों की माने तो आशा जी की जिंदगी जितनी खुशहाल दिखती है, उतनी रही नहीं. उनकी पहली शादी उम्र से दोगुने गनपतराव भोसले से हुई. जब शादी हुई तो वो महज 16 साल की थी. ये लव मैरिज थी और इनको घरवालों का समर्थन नहीं मिला, बावजूद उन्होंने शादी की, उनके तीन बच्चे भी हुए. ये शादी 11 सालों बाद 1960 में टूट गई. उनके पति ने उन्हें 2 बच्चों और प्रैगनैंसी की हालत में घर से निकाल दिया. आपको बता दें कि आशा भोसले की बेटी वर्षा भोसले पत्रकार और गायिका थी. उन्होंने साल 2012 में खुदकुशी कर ली थी. उनका अपने पति के साथ तलाक होने के बाद वो आशा ताई के साथ ही रह रही थी. जिस समय वर्षा ने खुद को गोली मारी, उस समय आशा भोसले अपने बेटे के साथ सिंगापुर में थी. इसके बाद सबसे बड़ा सदमा तो उन्हें तब लगा जब साल 2015 में उनके बेटे की हेमंत की कैंसर के चलते मौत हो गई. इससे पहले वो अपने पति आर डी बर्मन को सालों पहले खो चुकी थी.