फिल्म ‘तारे जमीन पर’ में ‘बम बम भोले…गाने को गाकर चर्चित हुए संगीतकार और गायक जान कुमार सानू, प्ले बैक सिंगर कुमार सानू के छोटे बेटे है. उनका असली नाम जयेश भट्टाचार्या है, जिसे बाद में बदलकर उसके अंकल ने जान कुमार शानू रखा. साल 1994 में जब कुमार शानू की पहली पत्नी रीता भट्टाचार्या को, कुमार शानू का  उस दौर की प्रसिद्ध अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्री से प्रेम सम्बन्ध का पता चला, तो रीता भट्टाचार्यान ने तलाक ले ली. उस समय वह तीसरा बेटे जान होने वाला था और वह 6 महीने की गर्भवती थी. इसके बाद उन्होंने बहुत मुश्किल से तीनों बेटों की परवरिश की, क्योंकि कुमार सानू ने उनकी सुध कभी नहीं ली. कलर्स टीवी पर बिग बॉस 14 से निकलने के बाद जान कुमार सानू ने अपने अनुभव और पिता के बारें में बात की, आइये जाने क्या कहते है वह.

सवाल-बिग बॉस 14 में आपका अनुभव कैसा था?

इस शो से बहुत कुछ सीखने को मिला है. अच्छी-अच्छी आदतें लग गयी. टाइम टेबल सही हो गया, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान सोना, उठना और खाना सबकुछ बदल गया था. इसके अलावा काफी चीजों को देखने का नजरिया मेरा बदला है. मैं कभी अपने घर और संगीत से इतना दूर नहीं रहा. मुझे लगा नहीं था कि मैं 6 हफ़्तों तक अंदर रह लूँगा. ये मेरे लिए मजेदार थी, जो जीवन में एक बार मिला. मैं बहुत खुश हूं. साथ ही मेरी दोस्ती पहले सबसे थी और ये समय के साथ बदलती भी रही.

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सवाल-आप कुमार शानू के बेटे है, यहाँ तक पहुँचने में पिता का कितना सहयोग रहा है?

मेरे पिता ने मेरे पर्सनल लाइफ और कैरियर में कोई सहयोग नहीं किया. इस बात से मुझे दुःख है, लेकिन इससे मैं मजबूत बना हूं. मैंने खुद मेहनत कर यहाँ तक पहुंचा हूं. हम तीनों भाइयों ने अपनी मंजिल पाने के लिए काफी संघर्ष किया है. इससे बहुत कुछ सीखा है. मुझे कोई अफ़सोस नहीं है, क्योंकि अब मुझे अपनी मंजिल मिल चुकी है. मेरे पिता को जितना सम्मान श्रोताओं ने दिया है. मैं भी उसे पाने की कोशिश कर रहा हूं. 

सबकुछ मेरी माँ और ननिहाल वालों ने ही किया है. उन्होंने हम तीनों भाइयों को बड़ा किया है. माँ की वजह से आज मैं यहाँ तक पहुँच सका हूं. मेरे दोनों भाई गाते है, लेकिन अभी बड़ा भाई जेस्सी प्रोफेसर है और दूसरा भाई ज़िको ग्राफिक डिजाईनिंग का ‘हेड’ है.

सवाल-आप अपनी जर्नी के बारें में बताएं?

मैंने बचपन में अपनी नानी मीरा दत्ता से संगीत सीखा है. इसके बाद शुभ्र दास गुप्ता से तालीम ली  है. अभी मैं मेवाती घराने के पंडित रतन मोहन शर्मा से संगीत सीख रहा हूं. मैंने वौइस् ओवर, डबिंग, विज्ञापनों के जिंगल्स आदि कई काम किये है. इसके अलावा शंकर महादेवन, शांतनु मैत्र, सोनू निगम आदि के साथ गाने गाये है. मैंने 6 साल की उम्र से गाना शुरू कर दिया था. इसमें कई हिंदी और बांग्ला गीत मैंने गाये है. इसके अलावा मैं कई एल्बम और फिल्मों में भी गीत दे रहा हूं, जो एकदम फ्रेश और नयी होगी.

सवाल-सिंगल पेरेंटिंग के बारें में आपकी सोच क्या है?

मैंने अपनी माँ को करीब से देखा है, उन्होंने जिस तरीके से हम सबको पाला है, ये काबिलेतारीफ है. मैं ऐसे सभी सिंगल पैरेंट को प्रणाम करता हूं. माता-पिता दोनों का बच्चे के जीवन में होना बहुत जरुरी होता है. इससे शारीरिक और मानसिक अच्छा विकास होता है. मेरी माँ ने बहुत मुश्किलों से हमें पढ़ाया और बड़ा किया है. उन्होंने कभी पिता की कमी महसूस नहीं होने दिया. बड़े होने के बाद मुझे ये पता चला है. मैं चाहता हूं कि माता-पिता बच्चे पर अपने झगड़े न निकाले, क्योंकि वे दोषी नहीं होते, लेकिन उन्हें भुगतना पड़ता है. मैं भी बहुत भुगत चुका हूं. 

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सवाल-तनाव होने पर क्या करते है?

मैं कभी तनावग्रस्त नहीं होता, क्योंकि मैं एक गायक हूं और संगीत मेरे लिए सबकुछ है. संगीत के अलावा मुझे कुछ नहीं आता.

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