‘स्टार प्लस’’पर प्रसारित हो रहे सीरियल‘‘गुम है किसी के प्यार में’’ शिवानी चैहाण का किरदार निभा रही अदाकारा यामिनी मल्होत्रा के साथ बहुत ही खतरनाक हादसा हो गया और वह बामुश्किल अपनी जिंदगी बचा सकी।पर वह अपनी कार को बीच सड़क पर धू धू कर जलते हुए देखने के अलावा कुछ न कर सकी.
वास्तव में मंगलवार की देर रात यामिनी मल्होत्रा मुंबई में स्वयं अपनी कार चलाते हुए जुहू से लोखंडवाला की तरफ जा रही थीं. अचानक उन्होने देखा कि उनकी कार के बोनेट से धुंआं उठ रहा है,तो उन्होने कार रोक कर कार से बाहर आकर देखना चाहा कि क्या मसला है?वह कार से जब तक बाहर निकली तब तक तो आग पकड़ चुकी थी. यामिनी मलहोत्रा ने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को फोन किया. यामिनी के अनुसार पुलिस तो देा मिनट के अंदर पहुॅच यगची थी,मगर फायर ब्रिगेड को आने मे पूरे चालिस मिनट लग गए. जबकि देर रात मंुबई में ट्ाफिक नहीं होता. कम से कम जुहू से लोखंडवाला का रास्ता तो सुनसान था. फायर ब्रिगेड के आने तक यामिनी मल्होत्रा की कार धू धू कर जलते हुए खाक हो गयी और पर यामिनी तथा मौके पर पहुॅची पुलिस महज मूक दर्शक बनी रही. यामिनी मल्होत्रा अपनी कार को पूर्णरूपेण जलकर खाक होने से बचाने के लिए चाहते हुए भी कुछ नही कर पायीं. कार का नुकसान होने के साथ ही इस हादसे का उन्हे गहरा सदमा लगा,जिससे वह अभी भी उबर नही पायी है. मजेदार बात यह है कि इस हादसे कुछ समय पहले ही यामिनी मल्होत्रा ने कार के बूट पर बैठकर पोज लेते हुए अपनी तस्वीरें अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट की थीं.
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इस हादसे के संबंध में यामिनी कहती हैं-‘‘जब मैंने अपनी कार के बोनट से आग निकलती हुए देखा,तो मैंने तुरंत अपनी कार से बाहर निकलकर पुलिस को फोन किया. कुछ ही मिनटों में पुलिस आ गई. पुलिस के अफसरो ने मेर साथ दयालुता दिखायी. लेकिन फायर ब्रिगेड पूरे चालिस मिनट देरी से आया. तब तक मेरी कार पूर्णरूपेण जल चुकी थी. यह सब देखते हुए मैं पूरी तरह अंदर से हिल गयी थी. उस वक्त मैं रोते हुए अपनी कार को जलते हुए असहाय सी देखती रही. क्योंकि मैं अपनी कार को जलने से बचाने के लिए कुछ नहीं कर सकती थी. फायर ब्रिगेड के देर से पहुंचने से मुझे घोर निराशा हुई. जबकि देर रात ट्राफिक नहीं होता है. फायर ब्रिगेड को चंद मिनटों में पहुंच जाना चाहिए था,लेकिन 40 मिनट लग गए. अगर मैं कार के अंदर बंद होती,तो मेरा क्या होता?उनके आने तक मेरी भी मौत तय थी. इस दुःखद अनुभव के बाद मैं अपने देश की व्यवस्था से बहुत निराश हूं. इस हादसे ने जीवन की अनिश्चितता को सिद्ध कर दिया. मुझे अहसास हुआ कि बुरा वक्त कभी आपसे नहीं पूछेगा या आने से पहले आपको सूचित नहीं करेगा. यह अचानक आकर जीवन को बदल देगा. ‘‘