जी टीवी का नया फिक्शन शो ‘वसुधा' दो ऐसी औरतों का दिलचस्प सफर लेकर आ रहा है, जो आग और पानी की तरह एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं! बालाजी टेली फिल्म एकता कपूर के अतिचर्चित शो कुसुम में महज 18 साल की उम्र से लीड रोल कुसुम का क़िरदार निभाने वाली नोशीन अली सरदार जिन्होंने इस शो से अच्छी खासी लोकप्रियता बटोर ली थी . वही नोशीन अब काफी समय बाद एक बार फिर जी टी वी के शो वसुधा से छोटे पर्दे पर वापसी कर रही हैं. इससे पहले नोशीन ने कुछ सीरियल और फिल्मे भी की हैं.
नोशीन पहली ऐसी टीवी अदाकारा थी जिन्होंने पाकिस्तानी फिल्म में भी काम किया है.. लेकिन अब जाकर वसुधा सीरियल के रूप में उनको मुख्य भूमिका वाला अपना पसंदीदा किरदार निभाने का मौका मिला है नोशीन इस सीरियल में दबंग बौस लेडी चंद्रिका सिंह चौहान के रोल में वापसी कर रही हैं जबकि प्रिया ठाकुर एक मासूम जज्बाती और प्यारी वसुधा सोलंकी के रूप में अपना पहला लीड रोल निभाने जा रही हैं.
जी टीवी के इस नए शो वसुधा की कहानी है ऐसी कहानी है जो इससे पहले भारतीय टेलीविजन पर कभी नहीं दिखाई गई . इस दिलचस्प कहानी में दो ऐसी औरतों का बड़ा अनोखा रिश्ता है, जिनकी दुनिया एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं. फिर दोनों के रास्ते आपस में टकराते हैं जिससे विचारों, आदतों और सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमियों का भी टकराव होता है यह भारतीय टेलीविजन की किसी भी कहानी से बिल्कुल अलग है.
इस शो में नौशीन अली सरदार, चंद्रिका सिंह चौहान के दमदार रोल में नजर आएंगी, एक ऐसी महिला जिनकी लोग बहुत इज्जत भी करते हैं और जिनसे डरते भी हैं. अपने दम पर अपना वजूद बनाने वाली उदयपुर की चंद्रिका अपने खुद के बनाए सख्त नियमों के साथ अपने बिजनेस का साम्राज्य चलाती हैं.वो इंसाफ पसंद करती हैं और सही बात के हक में खड़ी रहती हैं. वो एक नेक महिला हैं लेकिन कभी किसी दबाव के आगे नहीं झुकतीं. चंद्रिका किसी भी तरह की नाफरमानी बर्दाश्त नहीं करतीं और ये चाहती हैं कि उनके बनाए अनुशासन और नियमों का सख्ती से पालन किया जाए, जिन्हें वो सफलता का आधार मानती हैं.वो जज़्बातों से ज्यादा नियमों को अहमियत देती हैं और बड़ी दबंग महिला हैं, जिन्होंने बहुत इज्जत कमाई है. दूसरी ओर, प्रिया ठाकुर, वसुधा के किरदार में अपना पहला लीड रोल निभाने जा रही हैं. वसुधा एक मासूम, बेपरवाह लड़की है जो शहरी जिंदगी की कठिनाइयों से अनजान है. एक विश्वास करने वाले दिल के साथ वो लोगों की अच्छाइयों में यकीन रखती है. और इसी यकीन के साथ वसुधा चंद्रिका को प्रभावित करने की कोशिश करती है जिससे वो अक्सर मुश्किल में पड़ जाती है, और इन दोनों अलगअलग इंसानों के बीच एक बड़ा दिलचस्प और जबरदस्त समीकरण बनता है.
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