आहमदाबाद की शाइनी के पिता उन्हें डाक्टर बनाना चाहते थे क्योंकि वे खुद भी डाक्टर थे. मगर ग्रैजुएशन के बाद शाइनी की रुचि फैशन क्षेत्र में बढ़ गई और उन्होंने नैशनल इंस्टिट्यूट औफ फैशन डिजाइनिंग में दाखिला ले लिया.
शुरुआत में पहले तो उन्होंने मौडलिंग में हाथ आजमाया फिर धीरेधीरे ऐक्टिंग में हाथ आजमाना शुरू कर दिया अब शाइनी टीवी दुनिया का एक जानामाना नाम बन गई हैं. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के प्रमुख अंश:
ऐक्टिंग में थी रुचि
मुझे ऐक्टिंग में हमेशा से रुचि थी. ‘सरस्वतीचंद्र’ में कुसुम की भूमिका दे कर स्टार ने मुझे बहुत बड़ा बे्रक दिया. मैं ने हालांकि टीवी में ऐक्टिंग के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन मुझे यह कौंसैप्ट बहुत रोचक लगा.
ब्यूटी सीक्रेट
मैं हफ्ते में 3-4 बार केश धोती हूं और कंडीशनर का प्रयोग करती हूं. केश धोने से पहले लगातार तेल का प्रयोग करती हूं. काम खत्म होते ही मैं अपना मेकअप उतार देती हूं और अपनी स्किन पर मौइश्चराइजर का प्रयोग करती हूं.
यादगार पल
जिस दिन मेरे मांबाप ने मेरा नाम शाइनी रखा वह दिन मेरी यादों में हमेशा रहेगा. मुझे लगता है कि उन्हें पता था कि मैं अपने नाम की तरह ही चमकूंगी.
स्टाइल मंत्रा
ड्रैस चाहें इंडियन हो या वैस्टर्न, अपनी पर्सनैलिटी के हिसाब से ही चुनें. जो स्टाइल आप को हमेशा सूट करता हो उसी के अनुसार ड्रैसेज का चुनाव करेंगी तो सहज महसूस करेंगी.
खुद को वक्त दें
यों तो मैं इंडस्ट्री में कई लोगों को जानती हूं पर मैं अपने सब से करीब अपने काम को ही मानती हूं क्योंकि आज मैं जो कुछ भी हूं वह अपने काम की वजह से ही हूं. इस के अलावा जब भी मुझे खाली वक्त मिलता है तो वह मैं खुद के साथ बिताना पसंद करती हूं. आराम और शौपिंग भी करती हूं.
खानपान पर ध्यान
शाइनी को मुंबई की चौपाटी की चाट बेहद पसंद है. वे शारीरिक फिटनैस पर खासा ध्यान देती हैं. वे कहती हैं कि शरीर की उचित देखभाल के लिए खानपान पर ध्यान देने के साथसाथ फिटनैस पर भी ध्यान देना जरूरी है. वे मैडिटेशन और कसरत के लिए भी वक्त जरूर निकालती हैं.
मुसकान है जरूरी
मैं हमेशा मुसकराती रहती हूं और मेरी कोशिश रहती है कि मेरे आसपास के लोग भी मुसकराते रहें. यह आप की सकारात्मकता को प्रदर्शित करता है और आप जिस से भी मिलते हैं उस पर भी उस का असर होता है. मांबाप ने मेरा नाम शायद शाइनी इसीलिए रखा होगा कि उन्हें पता था कि मैं अपने नाम की तरह ही चमकूंगी.