एक लड़की के साथ घटी दुर्घटना उसे किस तरह न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से भी कितना झकझोर देती है, इसका अंदाज़ा लगा पाना लगभग नामुमकिन है. लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता कि हादसा चाहे कितना भी दर्दनाक क्यों न हो, इससे उबरने का एक रास्ता कहीं न कहीं जरूर होता है.
स्टार प्लस का नया धारावाहिक ‘क्या कुसूर है अमला का’ इसी तरह के गंभीर विषय पर आधारित है. पेश है धारावाहिक में अमला का मुख्य किरदार निभा रही पंखुड़ी अवस्थी से बातचीत-
‘क्या कुसूर है अमला का’ धारावाहिक के बारे में कुछ बताइए?
यह तुर्की धारावाहिक फातमागुल का हिंदी रूपातंरण है. इस धारावाहिक में एक गंभीर हादसे के मुद्दे को उठाया गया है. इसमें ज़िन्दगी के एक और भावनात्मक पहलू को दिखाया गया है कि जीवन में वह दौर कितना मुश्किल होता है जब आपको अपने प्यार को खोने के बाद भी सामान्य जीवन व्यतीत करना हो. यह जीवन में विश्वास, नई उम्मीद और प्यार की खोज की कहानी है.
यह तुर्की धारावाहिक का रूपातंरण है तो कैसे यह भारतीय समाज के संदर्भ में है?
डर व असुरक्षा की भावना से सिर्फ भारत की महिलाएं ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व की महिलाएं घिरी हुई हैं और यह धारावाहिक भी इसी संदर्भ में है. ऐसे में जब बात हो प्रतिष्ठा, सहानुभूति,क्षमा, नफरत और उम्मीद से भरपूर परिस्थितियों का सामना करने की, तो भारतीय व तुर्की महिलाओं के हालात में कोई अंतर नहीं रह जाता.
हमें अपने किरदार के बारे में बताइए?
मैं इस धारावाहिक में खूबसूरत वादियों वाले कस्बे धर्मशाला की युवा लड़की अमला का किरदार निभा रही हूं, अमला एक ऐसी लड़की है जिसका दुनिया देखने का नज़रिया काफी बड़ा है और उसके सपने ज़िन्दगी के छोटे हसीन लम्हों में बसते हैं. वह मासूम है, भली है और लोगों में खुशी बांटने में विश्वास करती है.