निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा और अभिनेता रणबीर कपूर की फिल्म ‘‘एनीमल’’ ने बाक्स आफिस पर सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं. इस फिल्म को मिल रही सफलता से समाज का एक तबका आश्चर्य चकित है.और लोग सवाल रहे है कि क्या अब भारत के लोग सेक्स सीन,अल्फामैन व एक्शन ही फिल्मों में देखना चाहते हैं? कुछ लोग आहत भी हैं. उनकी राय में इस फिल्म में महिलाओें को गलत तरीके से चित्रित किया गया है. लोगों को लगता है कि फिल्म में नारी के साथ हिंसा और उनका गलत अंदाज में यौन शोषण किया गया है.कुछ लोगों की राय में इसका समाज पर गलत असर पड़ता है.
जबकि एक तबका मानता है कि यह सब समाज में आ रहे बदलाव का प्रतीक मात्र है.इसी सोच के चलते भारत में ‘एनीमल’ अब तक लगभग साढ़े पांच सौ करोड़ और भारत सहित पूरे विश्व में आठ सौ छाछठ करोड़ कमा लिए हैं.लेकिन विश्व में एक ऐसा देश भी है,जहां ‘एनीमल’ ने बाक्स आफिस पर पानी तक नही मांगा.शायद इस सच्चाई पर यकीन करना मुमकीन न हो रहा हो,मगर हकीकत यही है कि बांगलादेश में इस फिल्म ने बाक्स आफिस पर पानी तक नही मांगा.और इसकी मूल वजह यह है कि जिन दृश्यों को देखने के लिए भारत के दर्शक सिनेमाघर की तरफ भाग रहे हैं,बांगलादेश के सेंसर बोर्ड ने उन दृश्यों पर कैंची चला दी है.पूरे विष्श् में तीन घंटे 21 मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘एनीमल’ प्रदर्शित हुई है.मगर बांगला देश के सेंसर बोर्ड ने इसे आधा घंटा काटकर महज दो घंटे इक्कीस मिनट की कर दी है.
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