दो शब्दों में सिमटी दुनिया मेरी क्या कहूं, क्या लिखूं समझ नहीं आ रहा. शुक्रिया शब्द तो बहुत छोटा है आपकी दी हुई परवरिश और संस्कार के सामने. पिता और बेटी का रिश्ता बड़ा अनोखा होता हैं. दोनों लड़ते भी बहुत है और प्यार भी असीमित होता है. मुझे याद है पापा जब मैं आपसे गुस्सा हो जाती थी तो खाना नहीं खाती थी और मम्मी कहती थी मत खाने दो, लेकिन आप जब तक मुझे कुछ खिला नहीं देते थे सोते नहीं थे. मम्मी कहती बहुत सिर चढ़ा रखा है इसको.

आपसे से सीखा खुद पर भरोसा करना…

आप से मैंने सीखा कैसे रिश्तों मे प्यार और अपनापन बना कर रखा जाये. आपसे सीखा विपरीत परिस्थितियों में भी कैसे हंसकर जिया जा सकता है. हमारी जिदंगी में भी एक तूफान आया था ना पापा लेकिन आपने कभी भी भगवान के ऊपर से अपना विश्वास नहीं उठने दिया और शायद इसी भरोसे की वजह से आज हम उस तूफान से निकलकर किनारे पर आ गये. उन विपरीत परिस्थितियों में भी आप सकारात्मक रहे ये बहुत बडी बात थी. आपके जैसे ही मजबूत बनाना चाहती हूं मैं पापा.

पूरी की भाई की लव-स्टोरी…

आपने कभी भी हमें किसी तरह की कोई कमी नहीं रहने दी चाहे खुद कैसे भी रहे और हां एक बात और मुझे तो भाई की शादी के दस साल बाद पता चला की आपने भाभी की कुंडली भाई की कुंडली से मिलाने के लिए पंडित को मनाया था क्योंकि अगर कुंडली नहीं मिलती तो माताजी मना कर देती और उन दोनों की लव स्टोरी अधूरी रह जाती. पर अब तो मम्मी को भी पता है और इस बात पर मम्मी को भी बहुत हंसी आती हैं. पर वाकई भाभी है बहुत अच्छी सबको साथ लेकर चलने वाली. थैंक्स पापा हर एक कदम पर हम सभी का साथ देने के लिए. और मेरी प्यारी सी मम्मी का हमेशा ध्यान रखने के लिए.

हर कदम पर संभाला…

याद है पापा, जब मैं छोटी थी चलना, बोलना और बाक़ी सब कुछ देरी से सीखा मैंने पर आपने और मम्मी ने हिम्मत नहीं हारी. मुझे याद है मेरा एक तिपहिया लकड़ी वाला खिलौना था साइकिल जैसा जिस पर आप मुझे चलना सिखाते थे. कई बार गिरी साईकिल से, चोट लगी पर आपने हर बार संभाला जैसे आज संभाल लेते हो और जब पहली बार चलना सीखा तो आपकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था.

अक्सर बच्चे पहला शब्द “मां” बोलते हैं, पर मैंने जो पहला वर्ड सीखा वो “पा, पा और जाने कितनी बार बोला हुआ पा शब्द था शायद इसलिए आप मेरे बेहद क़रीब हो. जब भी आप स्कूल में बच्चों से कहते कि “आप सब मेरे लिए अपने बच्चों जैसे हो” तो मुझे लगता मेरे हिस्से का प्यार बंट रहा है पर जब बड़ी हुई तो अपने बचपन की बात सोच बहुत हंसी आती है.

जिम्मेदारी नहीं होती बेटियां…

मेरे बचपन से लेकर अब तक मेरी ज़िन्दगी के हर उतार-चढ़ाव में आपने और मम्मा ने मेरा साथ दिया हैं , और आप जब हमेशा कहते हो “तू, क्यों चिंता करती है, तेरा पापा है न तेरे लिए हमेशा “तो हमेशा सोचती हूं हर बेटी को आपके जैसे पेरेंट्स मिले ताकि बेटियां कभी उसके माता-पिता को परायी न लगे, न शादी से पहले न शादी के बाद. आप और मम्मी हर उन माता -पिता के लिए उदाहरण हो जो ये सोचते हैं कि बेटियों की जिम्मेदारी शादी के बाद पूरी हो जाती है. काश हर कोई आपकी तरह सोचे कि बेटियां जिम्मेदारी नहीं होती, उन्हें बुरे वक्त में जिम्मेदार बनाना माता-पिता का फर्ज होता हैं.

सबके लिए एक मिसाल हो आप…
आपके और मेरे कई बार मतभेद हुए, कई बातों में आज भी हैं पर प्यार हमेशा मतभेद और झगड़े के बाद बढ़ाता ही है. काश ऐसा हर रिश्ते में होता तो कोई रिश्ता टूटने के कगार पर नहीं आता कभी. वैसे तो कहते हैं कि बेटियां पिता के करीब होती हैं, दिल का टुकड़ा होती है एक पिता के लिए, पर जब कन्या भ्रूण हत्या की बात आती हैं तब एक पिता का अपनी अजन्मी बच्ची के लिए प्यार कहां चला जाता है. पापा आप हर उस शख्स के लिए उदहारण हो जो सोचता हैं कि “बेटियां बोझ होती हैं, बस पराया धन होती है”. बचपन से अब तक सबने मुझमे आपकी ही परछाई देखीं हैं, सब यही कहते “अंजलि, तू बिलकुल सर के जैसी है ” तो लगता इससे बेहतर कौम्पलिमेंट तो हो ही नहीं सकता और आज भी ये मेरी ज़िंदगी का सबसे बेहतरीन कौम्पलिमेंट है. आप ही मेरे रोल मौडल, मेरे हीरो, सुपरमैन, वैलेंटाइन, बेस्टेस्ट फ्रेंड, मेरे सांता क्लौस, मेरे सब कुछ हो. मेरी पूरी दुनिया बस दो ही शब्दों में सिमटी है “पापा”. (शिक्षक) तो हो ही पर मेरी तो पहली पाठशाला भी आप ही हो. जब कभी जीवन में मेरे मुश्किल आई बस आपका और मम्मी का चेहरा ही हमेशा सामने दिखता ये कहते हुए कि “तू तो मेरी शेर बेटी है ना, बहादुर बेटी है न और यही शब्द मेरी डूबती नाव की खिवय्या बन जाते.

आपने कभी जताया नहीं पर मैं महसूस कर सकती हूं कि मेरे जीवन में जो उतार-चढ़ाव आप दोनों ने देखे उससे बहुत तकलीफ हुई है आपको ठीक वैसे जैसे बचपन में अगर बीमार पड़ जाती तो आंखों-आंखों में आप और मम्मी मेरे सिरहाने बैठे रहते पर मुझे महसूस नहीं होने देते कि मेरी बीमारी से आप बीमार महसूस कर रहे हो.

गर्व है आप पर पापा…

जब कभी साथ पढ़े हुए साथी मिल जाते या जब भी मुझे सब कहते कि “हमारा भविष्य बनाने में सर का बहुत बड़ा योगदान है” या जब कभी कोई आपका पढ़ाया हुआ विद्यार्थी पढ़-लिखकर ऊंचा ओहदा पाकर कहता कि “ये सब हमारे सर, हमारे गुरु की वजह से हैं” तो बहुत गर्व होता है आप पर पापा.

बच्चे के लिए तो हर मां-बाप करते हैं, पर आपने अपने शिक्षक होने का फ़र्ज बखूबी निभाया. देश के भविष्य में योगदान देने के लिए अपने विद्यार्थियों को भी कामयाब और क़ाबिल इंसान बनाया. आपके और मम्मी के रूप में भगवान ने मुझे सबसे बड़ा तोहफा दिया है, जिसे पाकर मैं गर्व महसूस करती हूं हमेशा. अपने पिता और शिक्षक के लिए जितना कहूं उतना कम है इसलिए यही कहूंगी की इन दो शब्दों में ही सिमटी हुई है मेरी ज़िंदगी.

हर गलती के लिए सौरी पापा…

जाने-अनजाने में बहुत सी गलतियां की होंगी, बहुत बार दिल दुखाया होगा आपका पर बाद में खुद पर ही गुस्सा हो जाती की भला क्यों दुखी किया, पर सब बेवकूफियों के लिए सौरी पापा जैसे हमेशा कान पकड़ कर कहती हूं “सौरी, पापा”

हमारे बच्चों के साथ आप भी बच्चे बन जाते हो, बच्चों को कैसे रखा जाता है कोई आपसे सीखें. आप एक अच्छे पिता, अच्छे जीवनसाथी, अच्छे दादा और नाना हो. हैप्पी फादर्स डे पापा.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...