मेरे लिए सबसे सुकून भरा हुआ करता था जो,
और कुछ नहीं था बस मेरी मां का साया था वो,
जिसकी छावं में मेरी पूरी ज़िंदगी बस्ती थी,
जब मुझे एक नज़र देख कर मेरी मां हस्ती थी,
मेरे सारे दर्द कम हो जाया करते थे
जब वो अपना हाथ प्यार से मेरे माथे पर रखती थी
मेरे लिए सबसे सुकून भरा हुआ करता था जो,
और कुछ नहीं था बस मेरी मां का साया था वो,
मेरी छोटी से छोटी गलती भी अपने दमन में छुपा लेती
मेरी आंखों के आंसू को अपनी अपनी आंखों में बसा लेती
मैं अगर नाराज़ भी हो जाऊं तो मां बस मुस्कुरा देती
अपने अनगिनत तरीकों से मुझे मना ही लेती.....
मेरे लिए सबसे सुकून भरा हुआ करता था जो,
और कुछ नहीं था बस मेरी मां का साया था वो,
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