अंजली दीक्षित, (कानपुर)

हमने अपनी मां को तो नहीं देखा पर हमारी बेटी का दुलार, प्रेम, स्नेह, और ममत्व हमारे जीवन को पूर्णता प्रदान करता है. जीवन के हर पहलू फिर चाहे वो संघर्ष के दिन की तपन हो या खुशियों के अनगिनत पल हो. मेरी बेटी मेरा मुकम्मल सम्बल है. उसकी एक मुस्कान से हर दर्द गायब सा है जिंदगी में. कभी-कभी अनजाने में ही उसकी बातें जिंदगी का एक बड़ा सा सबक दे जाती है.

ये भी पढ़ें- मदर्स डे स्पेशल: मां के नाम अपने जज्बात

मां मैं हूं पर उसमें हैं बड़प्पन...

मां तो मैं हूं पर उसकी समझदारी का बड़प्पन कभी-कभी बहुत कुछ कह जाता है. उसका निश्छल मेरे प्रति विश्वास उससे ज्यादा हमें विश्वस्त करता है, की जिंदगी चाहे जैसे भी रंग ले कर आये पर घबराना नहीं. एक शिक्षक की भांति कभी-कभी उसकी दी हुई सीख, एक दोस्त की तरह दिया हुआ एक सबक हमेशा एक नया हौंसला देता है.

ये भी पढ़ें- मदर्स डे स्पेशल: मां तूने मुझे अच्छा इंसान बनाया……

बेटी ने दी जिंदगी की सीख...

उसके व्यक्तित्व के सामने कभी-कभी अपने कद को बौना पाती हूं. पर एक गर्व भी होता है की हां में सौम्यांजलि की मां हूं. हमें गुस्सा बहुत आता है उसको रोकने के लिए एक दिन वो बोली की मम्मी आपको गुस्सा बहुत आता है, जिसकी वजह से लोग आपको और गुस्सा दिलाते हैं. आप ऐसी क्यों नही हो जाती की आपका नेचर कैसा है गुस्से वाला, हंसी वाला या अलग किसी को पता ही न चल सके और वो आपकी कमजोरी को न उकसा सके. अब जब भी गुस्सा आता है तो उसका दिया ये सबक हमेशा ही दिमाग में रहता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...