अब संयुक्त परिवार वाला समय नहीं रहा जब कई सारे भाईबहन होते थे. उस वक्त एक या दो भाई बहन से बातचीत बंद हो जाए तो भी चलता था. मगर आजकल जब आप के पास कुल एक भाई या बहन है तो आप बिलकुल भी रिस्क नहीं ले सकते. आप को उस इकलौते भाई या बहन को बहुत संजो कर रखना होगा. जरूरत के वक्त वही आप के काम आएगा. उसे ही आप अपना परिवार कह सकती हैं. उस की फॅमिली के साथ ही आप अपनापन बांट सकती हैं. उसी के साथ आप ने पूरा बचपन की शैतानियां और किशोरावस्था के राज बांटे हैं. वही आप को समझता है और उसी के साथ आप सुरक्षित महसूस करती हैं. फिर उस भाई जैसे अनमोल रत्न को आप खो कैसे सकती हैं. इसलिए सारे ईगो परे हटा कर भाई पर जी भर कर प्यार लुटाइए.
त्यौहार प्यार बढ़ाने का दिन है -
त्यौहार के रूप में आप को बहाने मिल जाते हैं अपनों के करीब आने का, पुरानी गलती सुधारने का और कुछ ऐसा कर दिखाने का जिस से सामने वाला आप को फिर से गले लगा ले. इस मौके को न गंवाएं. आप अपने भाई या बहन के लिए कोई प्यारा सा गिफ्ट खरीदें जो उस की पसंद का भी हो और सालों उस के पास भी रह सके.
गिफ्ट की कीमत नहीं प्यार देखें -
रक्षाबंधन के मौके पर आप के भाई या भाभी ने आप को जो भी गिफ्ट दिया हो उसे प्यार लें. किसी भी तरह का असंतोष या नाराजगी न दिखाएं क्योंकि गिफ्ट में पैसा नहीं भावनाएं देखी जाती हैं. आज आप लड़ाई कर लेंगी तो कल को उस छोटे से गिफ्ट के लिए भी तरसेंगी. इसलिए छोटी सी बात पर अपने रिश्तों में किसी तरह की कड़वाहट न आने दें. बहुत सी बहनों की आदत होती है कि रक्षा बंधन से महीने भर पहले से ही अपने भाई या भाभी को गाइड करने लगती हैं या फरमाइश करने लगती हैं कि इस बार उन्हें यह गिफ्ट चाहिए. भाई पर इस तरह हक़ ज़माना गलत नहीं मगर कई बार संभव है कि आप का भाई ज्यादा पैसे खर्च करने की हालत में न हो या उस की कोई और प्रॉब्लम हो. ऐसे में अपनी फरमाइश रखने के बजाए प्यार से इन्तजार करें कि वह क्या देता है. जो भी उपहार आप को मायके से मिले उसे सम्मान के साथ स्वीकार करें.