‘‘यार आज मेरी बेटी की बर्थडे पार्टी है. तू भी अपने पति और बेटे के साथ जरूर आना. हमारे बच्चे भी आपस में दोस्त बन जाएंगे,’’ मैं ने अपनी बचपन की सहेली नेहा को फोन पर इनवाइट किया तो उस ने सहर्ष स्वीकृति दे दी.
मैं दोगुने उत्साह से अपनी बेटी की वर्षगांठ की तैयारियों में जुट गई. नेहा और मैं स्कूल से ले कर कालेज तक साथ थीं. हम दोनों ही पढ़ाई में अच्छी होने के साथसाथ ब्यूटी और फिटनैस फ्रीक भी थी. खूबसूरत और स्मार्ट दिखना हमारा पैशन था. इस के लिए हम अच्छे कपड़ों की शौपिंग से ले कर कौस्मैटिक्स की खरीदारी और जिम जाने तक का काम मिल कर करते थी. पढ़ाई के बाद नेहा की शादी इंदौर में हो गई और हम एकदूसरी से दूर हो थीं.
पिछले महीने ही नेहा पति के साथ फिर से दिल्ली शिफ्ट हो गई. अभी तक हम दोनों ही आपस में मिली थीं. अब इस पार्टी के जरीए हमारे पति और बच्चे भी आपस में मिल लेंगे, यही सोच कर मैं बहुत खुश थी. मैं ने गहरी नींद सो रहे पति अमित को जगाया और बोली, ‘‘अमित उठो और तैयार हो जाओ. आज मेरी सब से प्यारी सहेली नेहा अपने पति के साथ आ रही है. अब ज्यादा समय नहीं है हमारे पास.’’
‘‘यार संडे है थोड़ा सो लेने दो न,’’ अमित ने मनुहार की.
‘‘नहीं अमित, नेहा के सामने थोड़ा तैयार हो कर आना. तुम्हें नहीं पता इतने साल बाद भी वह बिलकुल पहले जैसी स्मार्ट है.’’
‘‘हमारी श्रीमतीजी भी कोई कम स्मार्ट थोड़े ही है. ये काले व लंबे खूबसूरत बाल और चमकती त्वचा...’’
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