आज से कुछ दशक पूर्व तक भारत में मोटे अनाजों का बहुतायत से प्रयोग किया जाता था परन्तु 60 के दशक में आयी हरित क्रांति के उपरांत शनैः शनैः हमारे भोजन की थाली से मोटे अनाजों का स्थान गेहूं और चावल ने ले लिया और मोटे अनाज विलुप्त से हो गए. यद्यपि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी इनका प्रयोग किया जाता है परन्तु शहरी क्षेत्रों में तो इनका प्रयोग न के बराबर किया जाता है. हाल के वर्षों में चायनीज, थाई, इटालियन और मैक्सिकन जैसे फ़ास्ट फ़ूड के बढ़ते चलन के कारण अधिकांश शहरी रसोईयों में ये अनाज मिलते ही नहीं हैं परन्तु वर्तमान समय में विभिन्न चिकित्सा और आहार विशेषज्ञों द्वारा पुनः मोटे अनाजों को भोजन में शामिल करने की सलाह दी जाने लगी है क्योंकि ये अनाज पौष्टिकता से भरपूर होते हैं.

एक अनुमान के अनुसार 60 के दशक में भारत में मध्य और दक्षिण भारत तथा पहाड़ी इलाकों में मोटे अनाज की भरपूर खेती होती थी. उस समय देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में मोटे अनाज का 40 प्रतिशत उत्पादन किया जाता था. भारत सरकार ने मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने के लिए 2018 को मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया था.
क्या हैं मोटे अनाज
ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी(महुआ), जौ, कोदो, सांवा, कुटकी, और चीना जैसे अनाज मोटे अनाज की श्रेणी में आते हैं. चूंकि इनकी फसल अल्प मेहनत, अल्प पानी, और कम उपजाऊ जमीन में भी बड़ी ही सुगमता से जो जाती है इसीलिए इन्हें मोटे अनाज कहा जाता है. इसके अतिरिक्त ये जलवायु परिवर्तन को भी बड़ी सुगमता से झेल लेते हैं.

क्यों खाएं मोटे अनाज

हमें मोटे अनाजों को अपने भोजन में क्यों शामिल करना चाहिए इसके लिए हम इनके पौष्टिक गुणों पर एक नजर डालते हैं.

ये भी पढ़ें- हरे प्याज से बनाएं टेस्टी चटनी और परांठा

-रागी

आजकल आहार विशेषज्ञ रागी के प्रयोग पर बहुत अधिक जोर दे रहे हैं क्योंकि इसमें कैल्शियम बहुतायत में पाया जाता है. 100 ग्राम रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है जो शरीर की हड्डियों को मजबूत करता है. मधुमेह रोग में रागी का प्रयोग काफी लाभदायक होता है. इसे खिचड़ी, इडली, हल्वा, परांठा आदि बनाकर प्रयोग किया जा सकता है.

-बाजरा

बाजरे में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, और केरोटीन होता है. यह शरीर को ताकत प्रदान करता है. यद्यपि इसमें पाइटिक अम्ल, पॉलीफेनॉल जैसी कुछ हानिकारक तत्व पाए जाते हैं परंतु पानी में भिगोकर अंकुरित करने और पकाने के बाद ये सभी पोषणरोधी तत्वों में कमी हो जाती है. रोटी के इससे स्वादिष्ट लड्डू, पुए, कटलेट और मलीदा बनाये जाते हैं.

-ज्वार

ज्वार मुख्यतया नाइजीरिया में उगाया जाने वाला अनाज है. अन्य मोटे अनाजों की तुलना में ज्वार का अधिक औद्योगिक उपयोग किया जाता है. यह संसार में उगाया जाने वाला 5 वां महत्वपूर्ण अनाज है. इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कॉपर, आयरन और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक है. शराब, बेबी फ़ूड, ब्रेड और बिस्किट बनाने में ज्वार का प्रयोग किया जाता है.

-मक्का

विटामिन ए, फॉलिक एसिड, और एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर मक्का दिल के मरीजों, गर्भवती स्त्रियों और कैंसर रोगियों के लिए लाभकारी होता है. चूंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी अधिक मात्रा में पाया जाता है इसलिए जो लोग वजन घटाना चाहते हैं उन्हें इसका प्रयोग बहुत सीमित मात्रा में करना चाहिए. रोटी, परांठा, कटलेट आदि बनाकर इसका उपयोग किया जाता है.

-जौ

जौ अर्थात बार्ले में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, और कैल्शियम जैसे पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें पाए जाने वाले 8 तरह के अमीनो एसिड शरीर में इंसुलिन निर्माण का कार्य करते हैं. जौ को दलिया, रोटी आदि बनाकर प्रयोग किया जाता है.

मोटे अनाजों से बनाएं निम्न स्वादिष्ट व्यंजन

-मल्टीग्रेन वेजिटेबल परांठा सभी अनाजों के आटे में मनचाही कटी सब्जियां, नमक, हींग, जीरा मिलाकर स्वादिष्ट और पौष्टिकता से भरपूर परांठा बनायें.

-रागी इडली 1 कप रागी के आटे को 1 कप दही में घोलकर 15 मिनट रखें. इसमें बारीक कटी प्याज, शिमला मिर्च, टमाटर मिलाएं. नमक, और ईनो साल्ट मिलाकर इडली बनाएं. आप इसे चटनी के साथ अथवा फ्राई करके खाएं.

-बाजरे का दलिया 1 कप बाजरे के दलिये को एक पैन में बिना घी के भून लें. इसमें मटर, कॉर्न, मूंगफली के दाने और मनचाही सब्जियां व मसाले डालकर प्रेशर कुकर में तीन चार सीटियां लेकर पकाएं. ऊपर से 1 चम्मच घी डालकर सर्व करें.

ये भी पढ़ें- स्वाद और सेहत का खजाना है सांभर

-मक्के के कटलेट 2 छिले आलू के साथ शिमला मिर्च, गाजर, गोभी, मटर(सभी 2-2 टेबलस्पून), अदरक और हरी मिर्च के साथ 1 कप डालकर उबाल लें. अब इन सब्जियों को 2 कप मक्के के आटे में सभी मसालों के साथ मिलाकर कटलेट बनाएं. चटनी या सॉस के साथ सर्व करें.

-जौ की खिचड़ी 1 कप जौ को धोकर आधे घण्टे के लिए 2 कप पानी में भिगो दें. अब इसे आधा कप धुली मूंग दाल, हल्दी और नमक डालकर प्रेशर कुकर में चार सीटी लेकर पकाएं. ऊपर से हींग जीरे का बघार लगाकर सर्व करें.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...