अपने बच्चों को पोषक भोजन खाने की आदत डाल कर आप उन के लिए स्वस्थ जीवन की आधारशिला रख सकते हैं. बच्चों को 1 नहीं दर्जनों पोषक तत्त्वों की आवश्यकता होती है ताकि उन के शरीर और मस्तिष्क का सही विकास हो सके. 2 साल तक बच्चों के लिए स्तनपान जरूरी है. स्तनपान बंद करते ही उन्हें सभी पोषक तत्त्वों की पूर्ति खाने से करनी होती है. चूंकि उन का शरीर तेजी से विकसित हो रहा होता है, इसलिए उन के लिए माइक्रो व मैक्रोन्यूट्रिएंट्स दोनों ही बहुत जरूरी होते हैं.

माइक्रोन्यूट्रिएंट्स विटामिंस:

विटामिन पदार्थों के समूह होते हैं जो कोशिकाओं की सामान्य गतिविधियों और विकास के लिए आवश्यक होते हैं. प्रत्येक विटामिन का शरीर में महत्त्वपूर्ण कार्य होता है. बच्चों के शरीर में विटामिन की कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. उन का विकास प्रभावित हो सकता है.

विटामिन ए

यह हड्डियों के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, कोशिकाओं और ऊतकों के विकास को बढ़ावा देता है. इस की कमी से बच्चों की हड्डियों का विकास प्रभावित हो सकता है. यह इम्यून तंत्र को मजबूत बना कर संक्रमण से रक्षा करता है. विटामिन ए आंखों की रोशनी बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है.

कहां से प्राप्त करें: गाजर, शकरकंदी, मेथी, ब्रोकली, पत्तागोभी, मछली का तेल, अंडे का पीला भाग और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी आदि में इस की प्रचुर मात्रा होती है.

विटामिन बी कौंप्लैक्स

यह लाल रक्तकणिकाओं के निर्माण में सम्मिलित होता है, जो हमारे पूरे शरीर में औक्सीजन ले जाती हैं. औक्सीजन की आवश्यकता शरीर के प्रत्येक भाग को ठीक प्रकार से कार्य करने के लिए होती है. यह मैटाबोलिज्म के लिए भी आवश्यक है. इस की कमी से बच्चों में ऐनीमिया हो जाता है.

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