जलेबी, गुलाबजामुन, इमरती, बर्फी और हल्वे की चाशनी के बिना कल्पना तक नहीं की जा सकती. चाशनी अर्थात् ऐसा द्रव्य पदार्थ जिसे शकर और पानी से बनाया जाता है. विभिन्न मिठाइयों में समाहित होकर यह उन्हें मिठास प्रदान करती है. चाशनी गुड़ और चीनी दोनों की ही बनायी जाती है. गुड़ की चाशनी का प्रयोग मुख्यतया मिठाइयों की अपेक्षा मूंगफली, चना दाल और तिल चिक्की, मुरमुरे के लड्डू तथा अन्य विविध प्रकार के लड्डुओं में किया जाता है वहीं शकर की चाशनी का उपयोग गजक तथा अन्य मिठाइयों में मिठास लाने के लिए किया जाता है. विविध मिठाइयों में चाशनी उसके गाढेपन के अनुसार प्रयोग की जाती है मूलतः चाशनी को एक तार, दो तार और तीन तार की चाशनी के रूप में परिभाषित किया जाता है.

चाशनी बनाने की विधिे

चाशनी बनाने के लिए आमतौर पर गुड़ या शकर की आधी मात्रा में पानी का प्रयोग किया जाता है अर्थात् आधा कप पानी के लिए 1 कप शकर या गुड़. गाढ़ी और तीन तार की चाशनी बनाने के लिए 1 कप शकर या गुड में 1/4 कप पानी ही पर्याप्त होता है. चाशनी को साफ करना अत्यन्यत आवश्यक होता है. जब पैन में शकर पूरी तरह घुल जाए तो साफ करने के लिए 1 टेबलस्पून  फिटकरी के घोल, कच्चे दूध, और नीबू के रस में से किसी एक का प्रयोग किया जा सकता है. चाशनी के उपर आयी गंदगी को कलछी से बाहर निकालकर पुनः पकाकर अपनी उपयोगितानुसार चाशनी का प्रयोग करें. यह देखने के लिए लिए कि चाशनी तैयार है या नहीं, 2 बूंद चाशनी को एक कटोरी में डालें, उंगली और अंगूठे के बीच में रखकर चिपकाएं, अगर इसमें एक तार बन रहा है तो एक तार की चाशनी तैयार है. यदि आप चाशनी को अधिक पका लेंगी तो दो और तीन तार की चाशनी तैयार करें. एक तार की ही भांति दो और तीन तार की चाशनी चैक करें.

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