जहां एक ओर मौनसून तेज गरमी से राहत दिलाता है वहीं दूसरी और इस मौसम में कई तरह की त्वचा की समस्याएं भी आम हैं. इस मौसम में त्वचा की कुछ आम समस्याएं निम्न हैं.
त्वचा की ऐलर्जी: बड़े शहरों में प्रदूषण ज्यादा होने के कारण त्वचा की ऐलर्जी आमतौर पर देखने में आती है. ऐलर्जी का असर ज्यादातर पीठ के ऊपरी हिस्से, हाथों और पैरों पर पड़ता है. ऐलर्जी के कई कारण हो सकते हैं. सही कारण का पता लगाना मुश्किल होता है.
उपाय: अनुभवी डाक्टर ऐलर्जी का सही इलाज करता है. इस से ऐलर्जी से राहत मिलती है. अस्थाई राहत के लिए प्रभावित हिस्से पर आइसक्यूब्स रगड़ें, फिर सुखा कर बेबी टैलकम पाउडर लगा लें. प्रभावित हिस्से पर खुजली न करें. खासतौर पर नाखूनों से बिलकुल न रगड़ें. बहुत ही ज्यादा खुजली हो रही हो, तो हथेली से हलकेहलके सहलाएं.
बहुत ज्यादा पसीना आना: मौनसून में हवा में नमी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, जिस से गरदन, बगलों, हथेलियों, चेहरे, सिर की त्वचा और तलवों में ज्यादा पसीना आता है. मौनसून में कई बार शरीर में दुर्गंध और संक्रमण की समस्या भी बढ़ जाती है.
उपाय: ऐंटीफंगल साबुन और पानी से प्रभावित हिस्से को धो कर सुखा लें. ऐंटीपर्सपिरैंट का इस्तेमाल करें. कौटन के कपड़े पहनें. इस से शरीर में हवा का आवागमन होता रहेगा, जिस से पसीना कम आएगा.
रुखे और बेजान बाल: इस मौसम में बालों का बेजान होना एक बड़ी समस्या होती है. पसीना आने से बालों में नमी कम हो जाती है. जिस से वे बेजान और दोमुंहे हो जाते हैं.